आधा साल बीता पर नहीं मिली ड्रेस

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आधा साल बीता पर नहीं मिली ड्रेस

गोंडा। अप्रैल माह से नया सत्र चल रहा है लेकिन जि़ले के कई स्कूल ऐसे हैं जहां अभी भी बच्चे पुरानी ड्रेस में आने पर मजबूर हैं।गोंडा से लगभग 35 किमी दूर उत्तर दिशा में कटरा ब्लॉक के माधवपुर प्राथमिक स्कूल में कुल 125 बच्चे हैं। यहां पर किसी भी बच्चे को अभी तक नए सत्र की ड्रेस नहीं मिली है। कक्षा चार की मीनू (10 वर्ष) बताती है, ''हम लोग पुराने ड्रेस में आते हैं। नई ड्रेस मैडम जी ने कहा अभी नहीं आई है, जब आएगी तभी बंटेगी। पुरानी ड्रेस तो फट भी गई है लेकिन जब तक नहीं मिलती है यही ड्रेस पहननी पड़ेगी।"

स्कूलों में ड्रेस वितरण का आदेश अगस्त माह तक करा देने का था और इसके लिए प्रधानाध्यापक के खाते में पैसे भी भेजे जा चुके हैं। जिले के बेसिक शिक्षाधिकारी फतेह बहादुर सिंह बताते हैं। वो आगे बताते हैं, ''अब अगर देरी हो रही है तो ये स्कूल की लापरवाही है। ड्रेस की जांच के लिए विशेष टीम बनायी जा रही है जो देरी के कारण का पता लगाएगी।"

ड्रेस वितरण के लिए प्रति छात्र चार सौ रुपए का बजट निर्धारित है, जो सर्व शिक्षा अभियान के तहत बच्चों की संख्या के अनुसार हेडमास्टर के खाते में आता है। इसके बाद छात्रों की संख्या के अनुसार शिक्षकों के खाते पैसा ट्रांसफर किया जाता है। इसमें छात्र को दो सेट ड्रेस प्रदान किया जाता है। इसके लिए 75 प्रतिशत धनराशि अग्रिम तथा शेष 25 प्रतिशत धनराशि का ड्रेस वितरण के बाद दी जाती है।

जि़लों में दो-दो मंडलीय अधिकारियों की टीम बनाई गई है। साथ ही जांच के लिए एक चेकलिस्ट भी जारी की है। इसके आधार पर 15 दिनों के अंतराल पर होने वाली जांच की रिपोर्ट सहायक बेसिक शिक्षा निदेशक के साथ ही संबंधित जिलाधिकारियों को भी दी जाएगी। बच्चों को दी जाने वाली ड्रेस की गुणवत्ता में कमी भी अभिवावकों के लिए एक परेशानी हैं। माधवपुर गाँव से लगभग पांच किमी दूर सुनीता मौर्या (34 वर्ष) के दो बच्चे प्राइमरी स्कूल में पढ़ते हैं। वो बताती हैं, ''हर बार यही होता है। आधा साल बीत जाता है तब ड्रेस मिलती है, वो भी इतने बेकार कपड़े की दो महीने में ही फटने लगती है।"

स्कूलों में अभी तक ड्रेस न बंटने का कारण पूछने पर कटरा ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय अर्जुनपुर के अध्यापक रमेश चंद्र बताते हैं, ''इस बार पैसा देर से आया और स्कूल में कई काम थे, इसलिए देरी हुई। एक बार ड्रेस वाला आया भी था लेकिन आर्डर लेने दोबारा नहीं आया। उसे फोन करके बुलाया गया है, जल्दी ही ड्रेस बांटी जायेगी।"

 

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