आज का हर्बल नुस्खा: दूब घास में हैं कमाल के गुण
डॉ दीपक आचार्य 18 March 2016 5:30 AM GMT

दूब घास को दूर्वा भी कहा जाता है, आदिवासियों के मुताबिक़ इसका प्रतिदिन सेवन शारीरिक स्फूर्ति प्रदान करता है और शरीर को थकान महसूस नहीं होती है। आदिवासी नाक से खून निकलने पर ताजी और हरी दूब का रस 2-2 बूंद नाक के नथुनों में डालते हैं जिससे नाक से खून आना बंद हो जाता है। लगभग 15 ग्राम दूब की जड़ को 1 कप दही में पीसकर लेने से पेशाब करते समय होने वाले दर्द से निजात मिलती है। डॉन्ग-गुजरात के आदिवासियों के अनुसार दूबघास की पत्तियों को पानी के साथ मसलकर स्वादानुसार मिश्री डालकर अच्छी तरह से घोट लेते हैं फिर छानकर इसकी 1 गिलास मात्रा रोजाना पीने से छोटे आकार की पथरी गल जाती है और पेशाब खुलकर आता है।
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