झारखंड बना देश का पहला राज्य जहां महिलाओं के नाम होती है एक रुपए में रजिस्ट्री

महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए पिछले वर्ष जब झारखंड सरकार ने इनके नाम रजिस्ट्री एक रुपए में कराने का ऐलान किया तो महिलाओं के नाम हो रही रजिस्ट्री में पहले के मुकाबले 47 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई।

Neetu SinghNeetu Singh   13 Sep 2018 12:30 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
झारखंड बना देश का पहला राज्य जहां महिलाओं के नाम होती है एक रुपए में रजिस्ट्री

रांची (झारखंड)। रांची के रजिस्ट्रार कार्यालय में अपने नाम रजिस्ट्री करा रहीं जयंती वर्मा आज पहली बार जमीन की मालकिन बनने जा रहीं थी। रजिस्ट्री कराकर बाहर निकली जयंती वर्मा ने आत्मविश्वास से मुस्कुराते हुए कहा, "यह पहली प्रापर्टी है जो मेरे नाम से रजिस्ट्री हुई है। मेरे नाम से रजिस्ट्री कराने की वजह भले ही पैसे की बचत करना रहा हो पर आज हम 49 लाख रुपए सम्पत्ति की मालकिन बन गये हैं।" झारखंड में जयंती वर्मा की तरह 65 प्रतिशत महिलाओं का जमीन पर मालिकाना हक़ हो रहा है।

महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए पिछले वर्ष जब झारखंड सरकार ने महिलाओं के नाम रजिस्ट्री एक रुपए में कराने का ऐलान किया तो महिलाओं के नाम हो रही रजिस्ट्री में पहले के मुकाबले 47 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई। इस योजना के तहत जमीन से लेकर मकान तक की सम्पत्ति यदि 50 लाख रुपए तक है तो महिला के नाम एक रुपए में रजिस्ट्री होगी। एक रुपए में महिलाओं के नाम रजिस्ट्री कराने वाला झारखंड देश का पहला राज्य बन गया है। एक रुपए में रजिस्ट्री का लाभ किसी भी महिला को सम्पत्ति खरीदने में सिर्फ एक बार ही मिलेगा।


ये भी पढ़ें : कर्ज के चंगुल से मुक्त हो चुकी हैं ये महिलाएं, महाजन के आगे अब नहीं जोड़ने पड़ते हाथ

रजिस्ट्री कराकर बाहर निकली जयंती वर्मा (38 वर्ष) के लिए ये पहला मौका था जब वो रजिस्ट्रार कार्यालय गईं थी। जब गाँव कनेक्शन संवाददाता ने उनसे पूछा कि क्या कभी आपने सोचा था जमीन जैसी महंगी प्रॉपर्टी पर आपका अधिकार होगा तो उन्होंने सदियों से चली आ रही पुरुषों की सोच को उजागर करते हुए कहा, "महिला का काम सिर्फ चूल्हा–चौका हमेशा से रहा है, जब आज हर क्षेत्र में महिलाएं आगे बढ़ रहीं हैं तब भी मकान और जमीन जैसी सम्पत्ति से इन्हें दूर रखा जाता है। पुरुषों को ऐसा लगता है कि अगर महिलाओं को सम्पत्ति का मालिक बना दिया जाएगा तो उनका वजूद कम हो जाएगा।"

उन्होंने आगे कहा, "महिलाओं के नाम जब एक रुपए रजिस्ट्री होने का फैसला आया तो पुरुष पैसा बचाने के वजह से हम लोगों के नाम रजिस्ट्री करवाने लगे। पर महिलाओं को इसका लाभ मिल रहा है इस बात की मुझे खुशी है।"

जयंती वर्मा के पति ने बताया, "अगर 49 लाख की सम्पत्ति पर रजिस्ट्री अपने नाम करवाते तो कम से कम दो लाख से ज्यादा रुपए खर्च होते। अभी इनके नाम रजिस्ट्री कराई है तो एक रुपए में हुई है पर इधर-उधर देने में लगभग पचास हजार रुपए खर्च हो गया है। जो पैसा इधर-उधर देना पड़ता है उसकी कोई वजह नहीं बताता कि ये किस मद में लिए गये हैं।"

ये भी पढ़ें : पाई-पाई जोड़ झारखंड की इन महिला मजदूरों ने जमा किए 96 करोड़ रुपए, अब नहीं लगाती साहूकारों के चक्कर

उप निबंधन विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार जबसे महिलाओं के नाम एक रुपए रजिस्ट्री शुरू हुई है तबसे अब तक एक लाख 1360 महिलाओं के नाम रजिस्ट्री हो चुकी है जिसमें जमीन और मकान दोनों शामिल हैं। महिलाओं को विक्रय दस्तावेजों के निबंधन पर मुद्रांक एवं निबंधन शुल्क से छूट के बाद राजस्व में 601 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। राज्य में सबसे ज्यादा रजिस्ट्री रांची शहर में 8509 रजिस्ट्री, रांची ग्रामीण क्षेत्र में 6549 रजिस्ट्री हुई हैं। जबकि हजारीबाग जिले में 7465 रजिस्ट्री, पलामू में 6127 हुई हैं। सबसे कम रजिस्ट्री गोड्डा जिले में केवल 27 हुई हैं। कुछ जिलों को छोड़कर हर जिले में एक हजार से ज्यादा ही रजिस्ट्री हुई हैं।

झारखंड में राज्य सरकार की तरफ से दिन प्रतिदिन महिलाओं को सबल बनाने की दिशा में कई अहम फैसले लिए गये हैं जिसमें से महिलाओं के नाम एक रुपए रजिस्ट्री भी एक अहम फैसला शामिल है। महिलाओं के नाम अचल संपत्ति खरीदने पर निबंधन शुल्क औऱ स्टांप ड्यूटी में छूट मिलेगी। इस प्रकार महिलाओं के नाम पर संपत्ति की रजिस्ट्री एक रुपए में करने वाला झारखंड देश का पहला राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने एक कार्यक्रम में इस योजना का जिक्र करते हुए कहा, "सरकार राज्य की महिलाओं को मालकिन बनाना चाहती है और इसी कारण देश में पहली बार झारखंड सरकार ने एक रुपए में महिलाओं के नाम पर सम्पति की रजिस्ट्री प्रारंभ की। वर्तमान में राज्य में 80 प्रतिशत रजिस्ट्री महिलाओं के नाम पर हो रही है, जिससे महिलाएं सपंत्ति की मालकिन बन रही हैं।"

ये भी पढ़ें : ग्रामीण महिलाएं आजीविका कृषक मित्र बनकर कर रहीं आधुनिक तरीके से खेती

बोकारो जिला के सिबन्डी गाँव से रजिस्ट्री कराने आयीं निशात जहां आज पहली बार रजिस्ट्रार कार्यालय आयी थीं। बेंच पर बुर्का पहने बैठी निशात जहां गोद में बच्चे को सहलाते हुए अपने पति की तरफ इशारा करते हुए बोलीं, "इन्होंने एक दुकान खरीदी है उसी की रजिस्ट्री कराने आये हैं। दुकान 40 लाख रुपए की है अगर रजिस्ट्री ये अपने नाम कराते तो और ज्यादा पैसा खर्च होता इसलिए ये मुझे लेकर आए हैं।" भले ही पैसे की बचत की वजह से पुरुष महिलाओं के नाम रजिस्ट्री करा रहे हों पर इसी बहाने ही सही महिलाओं का सम्पत्ति पर अधिकार हो रहा है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक की महिलाओं के नाम घर और जमीन की रजिस्ट्री हो रही है।

उप-निबंधन महानिरीक्षक अविनाश कुमार ने बताया, "जबसे महिलाओं के नाम एक रुपए में रजिस्ट्री शुरू हुई है तबसे महिलाओं के नाम रजिस्ट्री बहुत तेजी से बढ़ी है। अब महिलाओं का स्वामित्व जमीन पर हो रहा है ये विभाग के लिए एक बड़ा अजीवमेंट है। कमजोर आय वर्ग के लोग भी अब थोड़ी बहुत जमीन खरीद रहे हैं। पहले जमीन की रजिस्ट्री कराने में कुल सम्पत्ति का सात प्रतिशत चार्ज लगता था लेकिन अब एक रुपए का स्टाम्प चाहिए।" उन्होंने आगे बताया, "इस योजना के बाद राजस्व में तो करोड़ों रुपए की कमी आयी है लेकिन राजस्व से ज्यादा महिलाओं का सशक्तिकरण हमारे लिए महत्वपूर्ण है। राजस्व की भरपाई और मदों से भी हो सकती है पर महिलाओं के सशक्तिकरण की नहीं।"

महिलाओं का सम्पत्ति पर बढ़ते अधिकार को देखते हुए आली संस्था की ह्यूमन राइट्स कार्यकर्ता रेशमा सिंह ने बताया, "महिलाओं को सशक्त करने के दिशा में ये एक महत्वपूर्ण कदम है। अगर एक रुपए में रजिस्ट्री न होती तो महिलाओं के बारे में आज भी कोई नहीं सोचता। जब महिलाओं का सम्पत्ति पर अधिकार होगा तब वो निर्णय लेने में अपने आपको सशक्त महसूस करेंगी।"

ये भी पढ़ें : ग्रामीण महिलाएं बैंक दीदी बनकर सुदूर गांव तक पहुंचा रहीं बैंक की सेवाएं

रांची के जिला अवर निबंधक राहुल कुमार चौबे ने बताया, "जबसे एक रुपए में महिलाओं के नाम रजिस्ट्री शुरू हुई है तबसे 10 में से सात महिलाओं के नाम रजिस्ट्री हो रही है। इस योजना को शुरू हुए एक साल से ज्यादा हो गया है, दिन पर दिन रजिस्ट्री करवाने में महिलाओं की संख्या बढ़ रही है।"

एक रुपए रजिस्ट्री में इन बातों का रखना होगा ध्यान

- इस योजना के तहत एक महिला केवल एक ही बार इस योजना का लाभ ले सकती है।

- एक महिला या महिलाओं के एक समूह के नाम पर एक रुपए में संपत्ति की रजिस्ट्री हो सकती है।

- महिला और पुरुष के सम्मिलित संपत्ति पर इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

- किसी भी तरह की जमीन या फ़्लैट जिसकी कीमत 50 लाख रुपए तक हो उसी संपत्ति में इस योजना का लाभ मिल सकता है।

- अगर सम्पत्ति 50 लाख रुपए से ज्यादा की हुई तब रजिस्ट्री चार्ज देना होगा।

- एक रुपए में रजिस्ट्री के पहले महिलाओं को इस बात का शपथ पत्र देना होगा कि इसके पूर्व उन्होंने इस योजना का लाभ नहीं लिया है।

      

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.