ग्रामीण महिलाएं सलाहकार बनकर सिखा रहीं बेहतर खेती का तरीका

सखी मंडल से जुड़ी महिलाएं आजीविका कृषक मित्र बनकर सैकड़ों किसानों को कम लागत में खेती करने का हुनर सिखा रही हैं।

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ग्रामीण महिलाएं सलाहकार बनकर सिखा रहीं बेहतर खेती का तरीका

मुनिया देवी, कम्युनिटी जर्नलिस्ट

गिरीडीह। चेतारों गांव के लोग महिला कृषक मंडल अंजू देवी की चर्चा करते नहीं थकते हैं। ये वही अंजू देवी है जो कभी घर के बाहर कदम नहीं निकालती थी, लेकिन आज ये अपने गाँव के किसानों को बेहतर खेती करने का हुनर सिखा रही हैं।

अंजू 15 अप्रैल 2015 को दुर्गा आजीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी थी। समूह से जुड़ने के बाद अंजू ने बचत करना सीखा। दसवीं पढ़ी अंजू समूह की सक्रिय महिला के साथ ही कुछ समय बाद आजीविका कृषक मित्र बन गयी। अंजू का समूह में बैठक करने और आजीविका कृषक मित्र बनने से ग्रामीणों से अच्छा तालमेल हो गया। अंजू ने खेती और पशु-पालन से न केवल अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारी बल्कि अपने गाँव के 100 से ज्यादा किसानों को लगातार कम लागत में बेहतर खेती का हुनर सिखाती हैं।

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आजीविका मिशन के तहत राज्य में अंजू देवी की तरह आजीविका कृषक मित्रों की संख्या 4915 है, जिसमें पुरुषों की संख्या दो से तीन प्रतिशत है। आजीविका कृषक मित्र बनाने की शुरुआत वर्ष 2013 में हुई थी। झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी राज्य के तीन लाख किसानों के साथ काम कर रहा है। राज्य में 25 हजार किसान ऐसे हैं जो जैविक खेती कर रहे हैं।

अंजू देवी आजीविका कृषक मित्र.

गिरीडीह जिला के डुमरी प्रखंड के चेतारो गाँव की में रहने वाली अंजू देवी बताती हैं, "एक समय था जब हमारे पास कमाई का कोई साधन नहीं था, अगर घर में कोई बीमार पड़ जाए तो उसके इलाज के लिए पैसे नहीं होते थे। समूह से जुड़ने के बाद छोटे-छोटे कर्ज लेकर घर की जरूरतों को पूरा किया।" वो आगे बताती हैं, "गाय, बकरी और मुर्गी पालन के लिए 20 हजार रुपए कर्ज लिया। गाय का दूध बेचना शुरू किया उससे हर महीने आमदनी होने लगी जिससे बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ाने लगे। इसके बाद कृषक मित्र का प्रशिक्षण लिया जिससे सब्जी की खेती की, सब्जी को बेचकर रोज की आमदनी होने लगी।"

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कम्युनिटी जर्नलिस्ट मुनिया देवी.

आजीविका कृषक मित्र वही बन सकते हैं जो समूह से जुड़े हों और खेती करते हों। इन्हें प्रशिक्षित करके कम लागत में बेहतर आमदनी के तौर-तरीके सिखाने के साथ ही मार्केटिंग भी सिखाई जाती है जिससे 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो सके। एक कृषक मित्र अपनी ग्राम पंचायत में दूसरे किसानों को भी प्रशिक्षित करता है।

महिला किसानों को उन्नत खेती से जोड़कर इनकी आय को वर्ष 2022 तक दोगुना करने के लिए देशभर में महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत जहां देश के 22 राज्यों के 196 जिलों में 32 लाख से ज्यादा महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं वहीं झारखंड में इसकी संख्या तीन लाख से ज्यादा है।

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