झारखंड की ग्रामीण महिलाएं सामुदायिक पत्रकार बनकर बनेंगी अपने गांव की आवाज़
इस कार्यशाला में ग्रामीण क्षेत्र के सुदूर गाँव से आयीं महिलाओं में कुछ समय के लिए झिझक तो दिखी लेकिन उनमें सामुदायिक पत्रकार बनने का ज़ज्बा भी दिखा। वे अपने समूह की सकारात्मक खबरों को लिखने लिए और अपने क्षेत्र की समस्याओं को लिखने के लिए काफी उत्साही दिखीं।
Arvind Shukla 5 July 2018 10:45 AM GMT
रांची से करीब 150 किलोमीटर दूर धनबाद जिले के गोविंदपुर में चार दिवसीय प्रशिक्षण में शामिल हुए झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के नॉलेज मैनजेमेंट एंड कम्युनिकेशन के प्रोग्राम मैनेजर कुमार विकास ने इन महिलाओं से कहा, “आपको सामुदायिक पत्रकार बनाने के पीछे की सोच यही है कि जो मुद्दे जो कहानियाँ कभी मीडिया की सुर्खियाँ नहीं बनती हैं उसे आप सामुदायिक पत्रकार बनकर उठाएं। आपकी लिखी खबर को कई मीडिया प्लेटफार्म पर पब्लिश होने का मौका मिलेगा जो आपकी आजीविका को सशक्त होने का जरिया भी होगा। ये अभी पहली कार्यशाला है, हम समय-समय पर ऐसी कई कार्यशालाओं का आयोजन करेंगे। जिससे आप जैसी सैकड़ों दीदियों को सामुदायिक पत्रकार बनने का मौका मिलेगा।"
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