आख़िर क्यों महंगा है टमाटर?

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लखनऊ। बाजार में टमाटर की कीमतें देखकर लोग खरीदनें की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। एक हफ्ते में टमाटर के खुदरा दाम तीन गुना तक बढ़ गए हैं। सात दिन पहले तक 20-25 रुपए में बिक रहा टमाटर इस समय लखनऊ में 60 से 80 रुपये तो दिल्ली में 80-100 रुपये तक पहुंच गया हैं।

इन दामों के बढ़ने का मुख्य कारण ये है कि इस समय बाज़ारों में सर्दी में पैदा हुआ टमाटर खत्म हो चुका होता है और नया पहाड़ी टमाटर आने वाला होता है। इसके अलावा एक कारण ये भी रहा कि टमाटर पर इस बार भी मौसम की ज्यादा मार पड़ी है।

यूपी समेत उत्तर भारत में सूखे के चलते तो दक्षिण में बारिश के कारण फसल बर्बाद हो गई। लखनऊ की दो प्रमुख सब्जी मंडी दुबग्गा और नवीन मंडी में इन दिनों टमाटर की आपूर्ति कम हो रही है। बाराबंकी से बहुत कम टमाटर आ रहा है। मंडी में इस समय टमाटर क्रेट 850 से 900 रुपए के भाव में बिक रहा है।उत्तर प्रदेश मंडी परिषद के सह निदेशक दिनेश चन्द्रा टमाटर के बढ़े दाम के बारे में कहते हैं, “इस समय मण्डी में टमाटर कम आ रहा है, इस वजह से टमाटर के दाम बढ़े हैं। इस समय प्रदेश में उत्पादन भी कम हो गया है, दूसरे प्रदेशों से टमाटर मंगाया जा रहा है।” पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अमरोहा में सबसे ज्यादा टमाटर का उत्पादन होता है। 

लेकिन इस बार यहां से रोजाना दूसरे प्रदेशों में टमाटर भेजा जा रहा है। अमरोहा के टमाटर के कारोबारी गामा खान बताते हैं, “इस बार हमारे यहां का ज्यादातर टमाटर हैदराबाद, बैंगलोर, कलकत्ता जैसे शहरों में भेजा जा रहा है, इसलिए यहां पर दाम बढ़ गया है। उधर, बारिश की वजह से टमाटर का काफी नुकसान हो गया है।”

कृषि वैज्ञानिक डॉ. दया शंकर सिंह इस बारे में कहते हैं, “गर्मियों में यहां के लोकल से आवक एकदम कम हो जाती है, दूसरे प्रदेशों से टमाटर आता है, इस बार मौसम भी बहुत गर्म रहा, जिस वजह से इस बार टमाटर का उत्पादन नहीं हो पाया।” वो आगे बताते हैं, “किसान दो मौसम में टमाटर लगाते हैं, एक ठंडी वाला जो दिसंबर में लगाते हैं और  गर्मी में मार्च अप्रैल में टमाटर लगाते हैं, रोग और कीट की वजह से टमाटर का काफी नुकसान हो गया है। मंडी में दूसरे प्रदेश से टमाटर आ रहा है, जिसका ट्रांसपोर्ट का चार्ज भी लगता है।”

बाराबंकी लखनऊ के पास की सबसे बड़ी टमाटर उत्पादक बेल्ट है। यहां के हरख और हैदरगढ़ ब्लाक में भी इस समय टमाटर का उत्पादन कम हो गया है। सर्दियों में लगाया गया टमाटर मई महीने तक चला है, अब उसका उत्पादन न के बराबर हो गया है। हालांकि हिमाचल और हरियाणा से आवक बढ़ने पर दिल्ली में टमाटर की कीमतों में गिरावट शुरु हो गई है। केंद्रीय कृषि सचिव शोभना के पटनायक ने शुक्रवार को कहा, “ये सीजन की टमाटर की कम आवक वाला है, कीमतें में बढ़ोतरी अस्थाई है और ये जल्द समाप्त होगी। पहाड़ी इलाकों में बड़े पैमाने पर आवक शुरू हो गई है।”

 

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