आशियाना गैंगरेप कांड के अपराधी गौरव शुक्ला को दस वर्ष की कैद

Swati ShuklaSwati Shukla   19 April 2016 5:30 AM GMT

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आशियाना गैंगरेप कांड के अपराधी गौरव शुक्ला को दस वर्ष की कैदgaoconnection

लखनऊ। ग्यारह वर्ष बाद चर्चित आशियाना गैंगरेप कांड के अपराधी गौरव शुक्ला को सोमवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 10 वर्ष की सजा सुनाई है। तीन आरोपियों को पहले ही सजा सुनाई जा चुकी है, जबकि दो की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी।

फास्ट ट्रैक अदालत के न्यायाधीश अनिल कुमार शुक्ला ने इस रेप कांड पर फैसला सुनाते हुए मुल्जिम पर 20,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने का दो तिहाई हिस्सा पीड़िता को दिया जाएगा।

वर्ष 2005 को आशियाना कॉलोनी में शाम क़रीब सात बजे नाबालिग पीड़िता के साथ चलती कार में छह लोगों ने गैंगरेप किया और सिगरेट से जलाया था। इस मामले में पहली गिरफ्तारी फैजान अली की हुई और उसी ने घटना के बारे में बताया। इस मामले में मुख्य आरोपी गौरव शुक्ला की उम्र को लेकर बहस होती रही और इसका फैसला सोमवार को 11 साल बाद आया।

इस घटना के छह आरोपियों में से दो की तो सुनवाई के दौरान ही मौत हो गई थी। गौरव के अलावा पहले ही एक अपराधी फैजान को सेशन कोर्ट से उम्र कैद व बाकी दो अपराधियों अमन बख्शी और भारतेंदु मिश्र को भी सेशन कोर्ट से 10 साल कैद की सजा मिल चुकी है।

तमाम कठिनाइयों के बाद भी 11 वर्ष तक मुकदमे की पैरवी करते रहने के लिए अदालत ने पीड़िता को राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के ज़रिए दो लाख रुपए का प्रतिकर देने का राज्य सरकार को आदेश दिया।

फास्ट ट्रैक अदालत में अभियोजन की ओर से गौरव द्वारा किए गए अपराध को अत्यंत क्रूर और गंभीर बताते हुए आजीवन कारावास की मांग की गई थी। इसके लिए अभियोजन पक्ष ने इसी मुकदमे में अभियुक्त फैजान अली को दी गई आजीवन कारावास की सजा का भी हवाला दिया। हालांकि अदालत ने इस मांग को नहीं माना।

11 साल तक मैंने मुंह ढका अब गौरव शुक्ला छिपाएगा: पीड़िता

लखनऊ। आशियाना कांड में गौरव शुक्ला को 10 साल की सजा सुनाए जाने के बाद पीडि़ता ने खुशी जाहिर करते हुए कहा, ‘’मुझे न्याय पर पूरा भरोसा था। उसे सजा दिलाना मेरा लक्ष्य था, जो आज पूरा हो गया।

लेकिन कठोर सजा दिलाने के लिए मैं आगे तक जाऊंगी, क्योंकि 11 वर्ष मैंने सजा काटी है और मुंह ढककर अभी तक मैं रही हूं अब गौरव शुक्ला रहेगा।’’

पीड़िता ने कहा, ‘’पेपर में निकली उसकी फोटो मैंने देखी है। वो समाज में मुंह छुपा रहा है। लोग मुझसे मुंह ढकने को कहते हैं आज भी लोग मुंह ढकवाकर मुझसे बात कर रहे हैं। इस बात का दुख नहीं है। मेरा मुंह मेरी इज्जत के लिए ढका है और उसका मुंह उसके नीच कर्मों की वजह से ढका है।’’

खुद के साथ हुई घटना और 11 वर्ष चले मुकदमे से घुटन हो रही थी। 16 अप्रैल को फैसला की तारीख बदलने के बाद से सो नहीं पर रही थी। दो दिन से लगातार जाग रही थी। फैसला आने के बाद अब घुटन कम हुई। सुबह से कुछ खाने का मन नहीं था। अब जीत की मिठाई खिलाऊंगी पिता और अपने लोगों को।’’

मेरे सामने बहुत से रास्ते हैं

मेरा सब कुछ चला गया कोई बात नहीं। मेरे बाद किसी और के साथ ऐसा न हो। इसलिए आगे लड़ाई लड़ूंगी। चुप रहने में ज्यादा बुराई है। इसलिए जिसके साथ ऐसा हो वो आवाज उठायें। गौरव शुक्ला को पास अब कोई रास्ता नहीं पर मेरे सामने अपनी लड़ाई के लिए बहुत से रास्ते हैं, अब मैं हाईकोर्ट में जाकर अपना केस लड़ूंगी।’’

जंगल बुक देखकर मानाऊंगी खुशी

जिन लोगों ने मेरा साथ दिया उनका थैंक्यू। जंगल बुक फिल्म देखने जाऊंगी।

मेरा सपना जज बनने का है

फैसला हुआ इस बात की खुशी हुई। मेरी मांग थी मुख्य आरोपी को कठोर से कठोर सजा हो। अब मेरा सपना है कि मैं जज की पढ़ाई कर जज बनूं और अपने जैसी तमाम लड़कियों को इंसाफ दिलाऊं। अगर मैं खुद गौरव शुक्ला के साथ कुछ कर सकती तो जान से मार देती। गाँव कनेक्शन संवादाता से पीड़िता ने कहा हमने 11 साल सजा काटी है और इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ी पर गौरव शुक्ला को सजा कम क्यों पर फैसले का सम्मान करती हूं।

छलक उठे आंसू

सजा तय होते की पीड़िता के पिता के आंखों में आंसू छलक आए। उन्होंने कहा जो सोचा था नहीं हुआ लेकिन खुश हूं गौरव शुक्ला दोषी साबित हुआ। भले ही सजा कम मिली। 

अल्लाह ने चाहा तो आगे सब अच्छा होगा। लड़ाई में जीत हमारी हुई। बेटी खूब पढ़ाऊंगा। वहीं एडवा की अध्यक्ष मधु गर्ग ने कहा, कानून पर हमें विश्वास है, इस बात की खुशी हमारी जीत हुई। हम दोषी को आजीवन करवास की सजा दिलाने के लिए आगे की लड़ाई जारी रखेंगे।

 

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