आटोमैटिक वैदर स्टेशन से किसान बचा सकेंगे अपनी फसल
गाँव कनेक्शन 12 Dec 2015 5:30 AM GMT

लखनऊ। इस वर्ष खराब मानसून के कारण धान की फसल पर बुरा प्रभाव पड़ा है। किसानों को समय रहते मौसम की जानकारी नहीं मिल पाती, जिसके कारण उन्हें फसल बर्बाद होने का नुकसान झेलना पड़ता है। भविष्य में मौसम के प्रभाव से फसलें प्रभावित न हों। इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार अपने ग्रामीण क्षेत्रों में ऑटोमैटिक वैदर स्टेशन बना रही है।
राज्य में सरकार को इस योजना के क्रियानवन के लिए तीस करोड़ रुपए का खर्च आ रहा है। इस सुविधा में किसानो को सही समय पर मौसम की जानकारी मिल पाएगी, जिससे किसान फसल चक्र के मुताबित सतर्क रहेगा।
आटोमैटिक वैदर स्टेशनों को स्थापित करने के लिए सरकार ने कुछ गाँवों को चुना है, जिसमें पहले चरण में यह सुविधा दी जाएगी। इस उपकरण में मौसम का डेटा ऑनलाइन इकट्टठा किया जा सकेगा। इसमें यह आसानी से पता किया जा सकेगा कि कौन से क्षेत्र में किस प्रकार की फसल उच्छी पैदा हो सकेगी।
इस वर्ष उत्तरप्रदेश में ना के बराबर हुई वर्षा के कारण 50 जिलों में किसानो को सूखे का नुकसान झेलना पड़ा है। ऐसे में मध्य प्रदेश के गाँवों में चलाई जा रही इस योजना को उत्तरप्रदेश में लागू करने से फसल खराब होने से बचाई जा सकेगी।
आटोमैटिक वैदर स्टेशन शुरू करने की जिम्मेदारी फिलहाल ग्राम पंचायतों को सौंपी गई है। प्रत्येक स्टेशन स्थापित करने में तीन लाख रुपए का खर्चा आएगा। इस सुविधा के शुरू होने के बाद पंचायतों से ही मौसम संबंधी इक्कठा किया गया डेटा मुख्यालय भेजा जाएगा।
किया जा रहा काम
मध्यप्रदेश में यह सुविधा अभी 10 तहसीलों में से पांच तहसीलों में पहुंचाई जा चुकी है। राज्य में इस सुविधा को गाँव गाँव तक पहुंचाने का जि़म्मा कृषि विभाग और मौसम विभाग को सौंपा गया है।
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