अब ग्राम पंचायतें कर सकेंगी पेयजल का इंतज़ाम
गाँव कनेक्शन 19 April 2016 5:30 AM GMT

लखनऊ। गाँवों में अब पेयजल के लिए ग्रामीणों को सरकारी आदेश की राह नहीं ताकनी होगी। ग्राम पंचायतें खुद गाँव में पेयजल की व्यवस्था करा सकेगी। 14वें वित्त आयोग की राशि से पहली वरीयता पर पेयजल का इंतजाम गाँव की सरकार कराएगी।
जल निगम ग्राम पंचायतों के कहने पर हैंडपमम्प और पाइप्ड पेयजल लगाएगा। एपीसी (कृषि उत्पादन आयुक्त) ने पंचायतराज, ग्राम्य विकास विभाग के मुखिया और सभी जिलों से आए सीडीओ के साथ बैठक करते हुए गाँव में पेयजल की इस समस्या के निदान के बावत यह बात कही।
उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद सभागार में पेयजल के निदान के लिए पंचायत पदाधिकारियों की ट्रेनिंग कराने को कहा, ताकि वह अपने अधिकार जान सकें। उन्होंने जलनिगम को जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायत में बनाई पेयजल ग्राम्य योजना की व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर हस्तांतरित करने को कहा। इसके साथ ही उन्होंने कहा, बुंदेलखंड में पेयजल के निदान के लिए 200 करोड़ रुपए हाल में दिए गए हैं। इसमे 32.14 लाख रुपए हैंडपम्प रीबोर व मरम्मत के लिए जिलों को दी गई है। वहीं क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति के लिए ट्रैक्टर और छह टैंकर के लिए भी धनराशि दी गई है।
उन्होंने गाँववार योजना बनाकर और रूट चार्ट तयकर पेयजल आपूर्ति करने के निर्देश दिए। फसल बीमा योजना के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने बताया, नुकसान के मुताबिक फसल बीमा मिलेगा, चाहे प्रीमियम और किस्त अलग-अलग हो। खुले में शौच से मुक्ति की चल रही योजना की समीक्षा करते हुए उन्होंने अधिकारियों को निगरानी कमेटी को एक्टीवेट करने को कहा।
योजनाओं से किसानों की आय करें दोगुनी
एपीसी ने कहा, सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। अनाज उत्पादन से किसान की आय दोगुनी नहीं की जा सकती है। कृषि की ग्रोथ 2.5 फीसदी है। इसे बढ़ाने के लिए उद्यान, खाद्य प्रसंस्करण, पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट, पशुपालन, डेयरी उद्योग को बढ़ाना होगा। उन्होंने सभी सीडीओ से सप्ताह में एक दिन जिला उद्यान, कृषि और पशुपालन अधिकारियों और बैंकर्स के साथ बैठक कर करने के निर्देश दिए। बैठक में निदेशक उद्यान ने भी विभाग की चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी।
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