अब हर गाँव में होगी महिला पुलिस

Swati ShuklaSwati Shukla   23 Jun 2016 5:30 AM GMT

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अब हर गाँव में होगी महिला पुलिसgaonconnection

लखनऊ। शिवकुमारी (32 वर्ष) अपने पति और परिजनों की आए दिन मारपीट से तंग आकर थाने के चक्कर लगा रही हैं। कई बार उन्होंने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश की लेकिन हर बार उसे पुलिस ने टरका दिया लेकिन अब उसे शिकायत के लिए थाने के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे क्योंकि केंद्र सरकार ने हर गाँव में ग्रामीण महिला पुलिस (स्वयंसेवक) को नियुक्त करने की योजना बनाई है। शिवकुमारी ने बताया कि थाने में बताया गया कि दो दिन बाद आओ, तब एफआईआर होगी।

देश के हर गाँव में विशेष महिला स्वयंसेवक की नियुक्ति के लिए गृह मंत्रालय के सहयोग से महिला और बाल विकास मंत्रालय ने नई योजना प्रस्तावित की है। हर गाँव में नियुक्त ये महिलाएं पीड़ित महिलाओं और पुलिस के बीच की एक कड़ी के रूप में कार्य करेंगी। इन महिलाओं का प्रशिक्षण पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) कराएगा। योजना के अनुसार स्वयंसेवक समूह बनाकर ये महिलाएं ग्रामीण महिलाओं में जागरूकता लाएंगी। ये पुलिस अधिकारी लापता बच्चों, तस्करी, बाल विवाह, दहेज उत्पीड़न से संबाधित मुद्दों के समाधान करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। 

योजना का उद्देश्य गाँव में एक महिला पुलिस स्वयंसेवी (एमपीवी) की अवधारणा स्थापित करना है। हाल में नई दिल्ली में हुई ऑल इण्डिया वूमन जर्नलिस्ट वर्कशॉप में महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका ने ये जानकारी देते हुए बताया था, “महिला पुलिस स्वयंसेवी (एमपीवी) देश भर में हर गाँव के लिए बहुत जरूरी होगा। महिला सशक्तिकरण के लिए भी ये महत्वपूर्ण है। महिला और बाल विकास मंत्रालय ने राज्य पुलिस बलों में एमपीवी की नियुक्ति पर दिशा-निर्देशों को अंतिम रूप देने के लिए गृह मंत्रालय के साथ विचार-विमर्श किया गया है।

” उन्होंने उम्मीद जतायी कि देश के छह लाख से अधिक गाँवों में महिला पुलिस स्वयंसेवकों की नियुक्ति से दीर्घकालिक और प्रभावी परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने बताया कि देश के 15 जिलों में गाँव स्तर पर महिला संवाद केन्द्र बनाये गये हैं और उनमें महिलाओं को उनकी सुरक्षा के बारे में जागरूक बनाया गया है। सरकार की योजना देश के 100 ऐसे जिलों में इन केन्द्रों की स्थापना करने की है जो महिला सुरक्षा के मामले में पिछड़े हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में ऐसे 10 केन्द्र काम कर रहे हैं और उनकी प्रतिदिन के हिसाब से निगरानी की जा रही है जिसके नतीजे बेहद आशाजनक निकले हैं।

 

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