अब नहीं जलेंगे खेत

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अब नहीं जलेंगे खेतगाँवकनेक्शन

लखनऊ। संत कबीर नगर जिले की घनघटा तहसील के बघारी गाँव के रहने वाले मैकेनिक सुरेन्द्र प्रसाद (50 वर्ष) ने ऐसा हार्वेस्टर बनाया है जो जड़ से गेंहू को काटता है और साथ ही उनसे भूसा बना देता है।

प्रदेश में ज्यादातर किसान गेहूं कटाई के लिए अब हार्वेस्टर का ही प्रयोग करते हैं। इससे गेहूं की फसल का ज्यादातर हिस्सा खेत में ही रह जाता है। बचे हुए डंठल को किसान खेत में जला देते हैं, इससे प्रदूषण तो बढ़ता ही है साथ में मिट्टी में रहने वाले जीवांश भी नष्ट हो जाते हैं।

सुरेन्द्र प्रसाद बताते हैं, ‘‘मेरे पिता किसान थे, घर का पूरा खर्च खेती से ही चलता था। ज्यादा पढ़ नहीं पाया था चौथी कक्षा के बाद पढ़ायी छोड़नी पड़ी और पिता की मौत के बाद मेरे हिस्से में एक एकड़ जमीन आयी, जिससे घर का खर्च निकालना मुश्किल हो गया था’’।

उन्होंने आगे कहा, ‘‘दिल्ली और पंजाब भी गया, लेकिन वहां भी मन नहीं लगा, लौटकर फिर घर आ गया और यहीं पर ट्रैक्टर के मैकेनिक का काम करने लगा। कई साल काम करने के बाद मुझे लगा कि दूसरे प्रदेश से जो हार्वेस्टर आते हैं वो सिर्फ ऊपर से गेहूं की बालियां काट लेते हैं, बाकी नीचे जो डंठल बचता है वो किसी काम नहीं बचता है। उसे किसान जला देता है, जिससे भूसे की कमीं भी हो जाती है।’’ सुरेन्द्र द्वारा विकसित इस हार्वेस्टर का विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद उत्तर प्रदेश ने पेटेन्ट भी कर दिया है। परिषद के प्रादेशिक नव प्रर्वतन केन्द्र ने इसे अहमदाबाद में स्थित राष्ट्रीय नव प्रवर्तन प्रतिष्ठान को भी भेजा था, जहां पर इसका चयन हो गया है।

घर का सामान बेचकर बनाया हार्वेस्टर

हार्वेस्टर बनाने में सुरेन्द्र के घर के सामान तक बिक गए और वो कर्जदार भी बन गए। फिर भी सुरेन्द्र ने हार नहीं मानी और कुछ साल की मेहनत से हार्वेस्टर बना दिया। गेहूं के साथ ही धान की कटाई भी इस बार सुरेन्द्र ने इसी हार्वेस्टर से की।

हार्वेस्टार की खूबियां

सुरेन्द्र प्रसाद ने अपने हार्वेस्टर का नाम 'कबीर हार्वेस्टर विद स्ट्रॉ मेकिंग मशीन' रखा है। इस मशीन की खासियत है कि इससे कटाई करने पर गेहूं की फसल जड़ से कटती है। जिससे फसल का अवशेष नहीं बचता है। जड़ से काटने के बाद ये बालियां निकालकर बाकी डंठल को भूसा बना देती है। कम्बाइन मशीन के साथ एक कंटेनर लगा होता है, जिसमें भूसा इकट्ठा होता रहता है। कंटेनर में हाइड्रोलिक सिस्टम लगा होता है, इससे कटाई-मड़ाई के बाद गेहूं और भूसे को कहीं ले जाने में परेशानी नहीं होती है।

 

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