अब युवा छेड़ेंगे जल बचाने की मुहिम

मनीष मिश्रामनीष मिश्रा   17 April 2016 5:30 AM GMT

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अब युवा छेड़ेंगे जल बचाने की मुहिमगाँव कनेक्शन

लखनऊ। देश में पानी को बचाने के लिए युवा सड़कों पर उतरेंगे। इसके लिए ‘जल सत्याग्रह’ शुरू कर युवाओं को जोड़ा जाएगा। यह अभियान भीषण सूखे की चपेट में आए ग्यारह राज्यों में चलाकर गाँव-गाँव पानी को संरक्षित करने के प्रयास किए जाएंगे। 

जल सत्याग्रह की शुरुआत 18 अप्रैल, 2016 से बिहार के चंपारण जिले से हो रही है। ‘यूथ अगेन्स्ट ड्रॅाट’ (सूखे के विरोध में युवा) मुहिम चलाकर इस अभियान में देश के युवाओं को जोड़कर पानी बचाने का अभियान छेड़ा जाएगा। 

“मकसद है कि जहां पानी का संकट सबसे ज्यादा है, वहां की जल संरचनाएं बारिश से पहले ठीक की जाएं। इससे जुड़े युवा गाँवों में किसानों को प्रशिक्षण देंगे। सुबह तालाबों आदि के अतिक्रमण हटाए जाएंगे, उसके बाद दिन में चिंतन करेंगे।” तरुण भारत संघ के प्रमुख व मैग्सेसे पुरुस्कार विजेता राजेन्द्र सिंह ने फोन पर बताया।

करीब 130 जन संगठनों की अगुआई में हज़ारों लोग जल संरक्षण के प्रति लोगों को जागरुक करने के बाद 05 मई, 2016 को दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे। यहां एकजुट होकर जनसंठनों के प्रतिनिधि केन्द्र सरकार से जल संरक्षण के लिए प्रभावी नीति बनाने की मांग करेंगे।

जल पुरुष राजेन्द्र सिंह बताते हैं, “देश में आज पानी की समस्या को लेकर सरकार की योजनाएं जिम्मेदार हैं। फसल चक्र और वर्षा चक्र को लिंक करने की ज़रूरत है। जहां जैसी बारिश, वहां के हिसाब से कृषि नीति बने।”

वहीं, पानी बचाने के लिए कर्फ्यू जैसे हालात झेल रहे महाराष्ट्र के लातूर से एक मई को इसकी शुरुआत करने वाले जन संगठन ‘एकता परिषद’ के अध्यक्ष पीवी राजगोपाल बताते हैं, “पानी का दुरुपयोग रोकने के लिए सरकारों ने क्या किया, इसका जवाब मांगेंगे। आज का विकास मॉडल पानी की बर्बादी के लिए जिम्मेदार है। हम यूथ को बताएंगे सिर्फ कोल्ड ड्रिंक पीने से ही भला नहीं होगा।”  

उत्तर प्रदेश में भी जल संकट लगातार बढ़ता ही जा रहा है। केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में हर साल 18 ब्लॅाक क्रिटिकल जोन में आ जाते हैं। प्रदेश के कुल 820 ब्लॉक में से 620 क्रिटिकल या सेमी क्रिटिकल जोन में हैं।

उत्तर प्रदेश में भी जल संरक्षण को लेकर ‘मुख्यमंत्री जल बचाओ अभियान’ पिछले साल शुरु किया गया था। इसके तहत गाँवों में बारिश के जल संचयन के लिए तालाबों की खुदाई की जानी थी। इस बारे में राजेन्द्र सिंह कहते हैं, “यूपी में ‘मुख्यमंत्री जल बचाओ अभियान’ के पीछे सरकार का प्रयास अच्छा था, पर भ्रष्टाचार के चलते काम नहीं हो पाया। यूपी में हम दो नदियों के संरक्षण के लिए सरकार के साथ काम कर रहे हैं।यूपी की मशीनरी ठीक नहीं।” 

यह अभियान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि मौसम विभाग ने इस बार अच्छे मानसून की भविष्यवाणी की है। इसके पहले बारिश के जल को बचाने के लिए देश भर में प्रयास किए जा रहे हैं।

 

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