अधूरे भवन में रह रहीं 'बा', एक महीने में ही उखडऩे लगा प्लास्टर और फर्श

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अधूरे भवन में रह रहीं बा, एक महीने में ही उखडऩे लगा प्लास्टर और फर्शगाँव कनेक्शन

प्रतापगढ़। बहोरिपुर के नए बने कस्तूरबा गाँधी विद्यालय की दीवार का प्लास्टर और फर्स उखड़ गया, कहने को तो सोलर पानी टंकी लगी है, लेकिन छात्राओं को हैण्डपंप से पानी भर कर नहाना पड़ता है। ये है कस्तूरबा विद्यालय का हाल।

जिला मुख्यालय से लगभग 35 किमी पश्चिम दिशा में बाबागंज ब्लॉक के बहोरिपुर के कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय की छात्राओं ने 15 नवंबर से नए भवन में रहना शुरू किया। इससे पहले छात्राएं बहोरिपुर के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में पढ़ाई करती थीं।

आवासीय विद्यालय की इंचार्ज निशा सिंह भवन की खऱाब स्थिति के बारे में बताती हैं, "अभी 15 नवंबर को ही हमने नए भवन में शिफ़्ट किया, न तो यहां बिजली का कनेक्शन था और न ही पानी की व्यवस्था, लेकिन कई बार कहने के बाद कुछ व्यवस्था हुई है।"

वो आगे बताती हैं, "कहने को अब बिजली कनेक्शन हो गया है लेकिन पूरे भवन में अभी भी बिजली नहीं है, इतनी महंगी पानी की टंकी लगी है वो भी काम नहीं करती, लड़कियां या तो ठंडे पानी से नहाएं या फिर खुद से पानी भर कर।"

विद्यालय की अध्यापिका प्रीति पाण्डेय कहती हैं, "2011 में मैंने यहाँ ज्वाइन किया था, तभी से ये नयी बिल्डिंग बन रही थी अभी भी पूरी तरह नहीं बनी, लेकिन इसमें शिफ्ट करवा दिया गया, बिना सुविधा के यहां छात्राएं रहती हैं, इसलिए बहुत परेशानी होती है। कई बार अधिकारियों से शिकायत भी की लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ।" विद्यालय परिसर में अभी हर जगह ईंटें बिखरी हुईं हैं। हैण्डपंप के पास नाली नहीं बनी होने की वजह से सारा पानी विद्यालय परिसर में ही फैला रहता है। 

वर्ष 2004 में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय योजना की शुरुआत की थी। इन विद्यालयों में 75 फीसदी सीटें अनुसूचित जाति व जनजाति, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग की लड़कियों के आरक्षित होती हैं। शेष 25 फीसदी सीटें गरीबी रेखा के नीचे रह रहे परिवार की लड़कियों के लिए आरक्षित होती है।

विद्यालय में सातवीं कक्षा में पढऩे वाली रेनू बताती हैं, "पहले दिन हम लोग आए थे और मैं ऊपर के कमरे में गयी तो दरवाजा खोलते ही वो गिर गया। अधिकतर पूरे परिसर में दीवार का प्लास्टर गिर रहा है। फर्श भी उखड़ रही है। पूरे स्कूल में बिजली न होने से बहुत परेशानी होती है।"

बाबागंज ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी का कार्यालय भी बहोरीपुर में विद्यालय के पास ही है। खण्ड शिक्षा अधिकारी रवीन्द्र सिंह कहते हैं, "विद्यालय की इंचार्ज ने मुझसे शिकायत की  थी मैंने भी बड़े अधिकारीयों तक बात पहुंचा दी है जल्द ही भवन पूरी तरह से तैयार हो जाएगा।"

बालिका आवासीय विद्यालय होने के कारण सुरक्षा की नजर से भी यहाँ पर कमियां हैं। विद्यालय के गार्ड नन्दलाल कहते हैं, ''गार्ड रूम तो अभी बना ही नहीं बस दीवार खड़ी कर दी हैं।"

 

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