अगले सत्र से कृषि शिक्षा में ये होंगे नए बदलाव
भास्कर त्रिपाठी 27 Jan 2016 5:30 AM GMT

नई दिल्ली। आने वाले शिक्षा सत्र से देश की कृषि शिक्षा में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब से देश के सभी कृषि शिक्षा संस्थानों में छात्रों को एक वर्ष प्रशिक्षण से जुड़े कोर्स करने होंगे।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) अगले सत्र से देश के सभी केंद्र व राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में बदलाव करने जा रहा है। सभी छात्रों को अब चौथे वर्ष में पांच प्रशिक्षण कोर्सेस में से एक चुनना होगा। संस्थान के अनुसार कृषि शिक्षा में आने वाले 60 प्रतिशत छात्र ग्रामीण क्षेत्रों से आते है।
आईसीएआर के उप-महानिदेशक (शिक्षा) नरेन्द्र सिंह राठौर ने बताया कि देश के सभी 70 कृषि विश्वविद्यालयों को इस बदलाव की जानकारी दे दी गयी है। "अभी 22 जनवरी को सारे वाईस चांसलर दिल्ली आये थे, उनसे नए प्रारूप पर चर्चा हुई, वो सब सहमत हैं, थोड़ी बहुत जो आशंकाएं हैं वो प्रारूप लागू होने के बाद दूर कर ली जायेंगी।"
एक साल के लिए आवश्यक किये गए नए प्रारूप को 'स्टूडेंट रेडी' नाम दिया गया है, जिसका उद्देश्य है कृषि छात्रों में उद्यमिता को बढ़ावा देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना। इस नए एक वर्षीय प्रोग्राम में छात्रों के पास पांच विकल्प होंगे- अनुभव आधारित प्रशिक्षण, ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव, उत्पादन इकाईयों में औद्योगिक प्रशिक्षण, कौशल विकास और छात्र कार्यक्रम। छात्रों को इन पांच विकल्पों में से एक चुनना होगा।
"हमें हमारे छात्रों को नौकरी खोजने वाला नहीं नौकरी देने वाला बनाना है, इसके लिए ही ये सारे बदलाव किये जा रहे हैं। इन बदलावों की कृषि शिक्षा में बहुत लम्बे समय से ज़रुरत थी," डॉ राठौर ने कहा।
आईसीएआर के अनुसार भारत में बड़े पैमाने पर प्रशिक्षित एवं हुनरमंद कर्मियों की कमी है, एक आंकलन के अनुसार देश में कुल श्रम बल का मात्र 2.3 प्रतिशत भाग औपचारिक रूप से विभिन्न हुनर आधारित विधाओं में प्रशिक्षित है।
विश्व का सबसे युवा देश बनने जा रहे भारत में लगभग 50 प्रतिशत नौकरियां देने वाले कृषि क्षेत्र में होने जा रहा ये बदलाव सकारात्मक पहल है।
प्रमुख कार्यक्रमों का विवरण
-अनुभव आधारित प्रशिक्षण
इस कोर्स के तहत बीज उत्पादन एवं प्रौद्योगिकी, मशरूम उत्पादन, मृदा एवं पौध विश्लेषण, मधुमक्खी पालन, ब्रोय्लर एवं लेयर उत्पादन, पशु देखभाल क्लिनिक, जलजीव संवर्धन, हाईटेक बागवानी आदि विषयों में ट्रेनिंग दी जायेगी।
-ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव
इसे चुनने पर छात्रों को गाँव में किसानों के साथ उनके खेतों पर काम करना होगा, गाँवों के तमाम कृषि कार्यों का अनुभव लेना होगा।
-उत्पादन इकाईयों में औद्योगिक प्रशिक्षण
इस कार्यक्रम के तहत छात्रों को कृषि उत्पाद प्रसंस्करण, और खेती से जुड़े अन्य बड़े उद्योगों में ट्रेनिंग करनी होगी।
-कौशल विकास
इस कार्यक्रम के तहत खेती के 105 विषयों में छात्रों का कौशल विकास किया जायेगा।
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