अगस्ता घोटाले में इस साल दायर हो सकता है आरोप-पत्र

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अगस्ता घोटाले में इस साल दायर हो सकता है आरोप-पत्र

सरकार ने उच्चतम न्यायालय को अगस्ता मामले पर दी जानकारी 

नई दिल्ली (भाषा)। उच्चतम न्यायालय ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित कई अन्य नेताओं की भूमिका की छानबीन के लिए अदालत की निगरानी में जांच कराने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। इस बीच, केंद्र ने कहा कि इस मामले में एसआईटी जांच पहले से की जा रही है और इस साल आरोप-पत्र दाखिल किए जाने की संभावना है।

केंद्र एवं सीबीआई सहित अन्य को इस मामले में पहले नोटिस जारी कर चुकी न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की पीठ ने उस जनहित याचिका का निपटारा कर दिया, जिसमें उन राजनीतिक दिग्गजों के खिलाफ जांच की मांग की गई थी, जिनका जिक्र इटली की एक अदालत के फैसले में किया गया था। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने कहा कि याचिका अर्थहीन है क्योंकि इसमें जो राहत मांगी गई है वह 2013 में एक प्राथमिकी दर्ज दी जा चुकी है।

कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। यदि इस मामले में किसी के खिलाफ सबूत है तो उस पर कानून के तहत मामला दर्ज होगा। आरोपियों के खिलाफ इस साल आरोप-पत्र दाखिल किए जाने की संभावना है।
 रंजीत कुमार, सॉलिसिटर जनरल 

उन्होंने कहा कि एक एसआईटी गठित की जा चुकी है और जल्द ही मामले में आरोप-पत्र दायर कर दिया जाएगा। सॉलिसिटर जनरल की दलीलों को रिकॉर्ड पर लेते हुए पीठ ने जनहित याचिका का निपटारा कर दिया और याचिका में की गई इन टिप्पणियों को भी हटाने का निर्देश दिया कि कुछ कथित आरोपियों को संवैधानिक पद दिए गए।

याचिकाकर्ता के वकील एमएल शर्मा ने आरोप लगाया कि उन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है, जिनके नामों का जिक्र इटली की अदालत ने अपने फैसले में किया है और उनके खिलाफ कोई जांच नहीं की गई जो वीवीआईपी हेलीकॉप्टर की ऊंचाई घटाने में कथित तौर पर शामिल थे। इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि छानबीन अब भी जारी है और जिस किसी आरोपी के खिलाफ सबूत होंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। 

 

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