जगह नहीं जुगाड़ से भी कर सकते हैं बिना मिट्टी की ये हाइड्रोपोनिक खेती

दुनिया में हर रोज कृषि से जुड़ी नई-नई तकनीकें सामने आ रही हैं। जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ रही है, कृषि उद्योग भी कम जगह में भोजन उगाने और पानी की बचत करने की नई तकनीकें विकसित कर रहा है। हाइड्रोपोनिक ग्रोइंग सिस्टम इसी दिशा में बड़ा कदम है।
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आपके पास भी अगर खेत नहीं है या कम जगह है तो भी भरपूर सब्जी उगा सकते हैं। जी हाँ, ये मुमकिन है हाइड्रोपोनिक ग्रोइंग सिस्टम से।

हाइड्रोपोनिक खेती बिना मिट्टी के फसल उगाने की एक प्रणाली है, जिसे अक्सर मिट्टी रहित खेती कहा जाता है। इसमें पौधों की जड़ें तरल पोषक तत्व के घोल में या रॉकवूल और वरमीक्यूलाइट जैसे नम अक्रिय पदार्थों के अंदर बढ़ती हैं।

इसमें पौधों की जड़ें या तो स्थिर तरल घोल में या लगातार बहने वाले पोषक मिश्रण में रहती हैं।

हाइड्रोपोनिक्स क्या है?

“हाइड्रोपोनिक” एक ग्रीक शब्द है जिसका अर्थ है हाइड्रो “पानी” है, और पोनिक “काम” है।

खनिज उर्वरकों के घोल का उपयोग करके मिट्टी के बिना पानी में पौधों को उगाने की एक तकनीक को हाइड्रोपोनिक्स के रूप में जाना जाता है। यह हाइड्रोकल्चर का एक सबसेट है।

सार्वजनिक रूप से 1937 में अमेरिका में इस विधि द्वारा उगाए गए टमाटर के पौधों को प्रदर्शित किया गया था। यह तकनीक तब खूब पसंद की गई और कई देशों तक फ़ैल गई।

हाइड्रोपोनिक खेती अब मनचाही फसल पैदा करने के लिए बेहद उपयोगी तकनीक है।

खेती के इस सिस्टम के कई प्रकार हैं। इनमें विक हाइड्रोपोनिक सिस्टम, डीप वाटर हाइड्रोपोनिक सिस्टम, फ्लड और ड्रेन प्रणाली,न्यूट्रियंट फिल्म टेक्निक और ड्रिप सिस्टम मुख्य हैं।

सीधे शब्दों में कहें तो हाइड्रोपोनिक्स मिट्टी को छोड़कर, पौधे की जड़ों को सहारा देने के लिए एक अलग सामग्री में डालने और पोषक तत्वों से भरपूर पानी में सीधे फसल उगाने का एक तरीका है।

हाइड्रोपोनिक प्रणालियों को डिजाइन करने के कई विकल्प हैं, लेकिन मूल तत्व अनिवार्य रूप से वही हैं।

क्या-क्या ज़रूरी है इसकी खेती में

ताज़ा पानी इसके लिए सबसे ज़रूरी है। ये ध्यान रखना होगा कि संतुलित पीएच के साथ फ़िल्टर हो। ज़्यादातर पौधे 6-6.5 के आसपास पीएच स्तर वाला पानी पसंद करते हैं । आप अपने स्थानीय हार्डवेयर, उद्यान, या हाइड्रोपोनिक स्टोर पर मिलने वाले जाँच यंत्र से अपने पानी की अम्लता की जाँच कर सकते हैं।

इसके साथ ही पौधे को भरपूर ऑक्सीजन की ज़रूरत होगी। पारंपरिक खेती से कुछ अलग इसमें में जड़ें मिट्टी से नहीं बल्कि हवा से ज़रूरी ऑक्सीजन लेते हैं। आपके हाइड्रोपोनिक सेटअप के आधार पर या अपने संयंत्र के आधार पर जल भंडार के बीच जगह छोड़ने की ज़रूरत होगी।

पौधे को स्वस्थ और उत्पादक बने रहने के लिए भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम, फास्फोरस, कैल्शियम और अन्य पोषक तत्वों की आवश्यकता होगी। ठीक उसी तरह जैसे ज़मीन में उगने वाले पौधों को स्वस्थ मिट्टी और उर्वरक की ज़रूरत होती है। जब आप मिट्टी के बिना पौधे उगा रहे हैं, तो यह “पौधे का भोजन” उस पानी में शामिल होना चाहिए जो आपके पौधों को पोषण दे रहा है।

अगर आप अपने पौधे घर के अंदर उगा रहे हैं, तो आपको कुछ विशेष प्रकाश व्यवस्था करनी होगी। सभी पौधे को रोशनी की अलग-अलग ज़रूरत होगी।

कितना ख़र्च आता है इसकी खेती में

अपने देश में हाइड्रोपोनिक खेती करने की लागत कई चीजों पर निर्भर करती है, जिसमें आकार और पैमाना, उपयोग किए जाने वाले हाइड्रोपोनिक सिस्टम का प्रकार और खेत का स्थान शामिल है।

एक सामान्य दिशा निर्देश के रूप में एक छोटे पैमाने पर हाइड्रोपोनिक का सेटअप करने में लगभग 2 से 3 लाख रुपये के बीच खर्चा आ सकता है। इसमें उपकरण जैसे ग्रो लाइट्स, पोषक तत्व समाधान और पानी पंप की लागत, साथ ही बुनियादी ढांचा बनाने की लागत, जैसे ग्रीन हाउस या इनडोर बढ़ते क्षेत्र शामिल हैं।

लागत कम करने के कुछ सुझाव

आप पहली बार इस तरह की खेती कर रहे हैं तो ये बातें आपके काम की हो सकती हैं।

शुरुआत छोटे से शुरू करें और धीरे-धीरे बढ़ाए।

रीसाइकल्ड मैटेरियल्स का इस्तेमाल करने की कोशिश करें। अपना ग्रीनहाउस या इनडोर बढ़ते क्षेत्र बनाएं।

एनर्जी -एफ्फिसिएंट ग्रो लाइट्स और सिंचाई प्रणाली का उपयोग करें।

थोक में पोषक तत्व और अन्य सामान खरीदें।

इसके लिए स्थानीय मज़दूरों को लें और ट्रेनिंग दे।

अगर इन बातों पर अमल करेंगे तो कम पैसे में आप इस काम को शुरू कर सकते हैं।

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