हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में मक्का किसानों की मुश्किलें बढ़ा रहा फॉल आर्मीवर्म

देश के कई राज्यों में मक्का को बर्बाद करने वाला फॉल आर्मीवर्म हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा और ऊना जिले में देखा गया है।

Update: 2020-07-25 10:56 GMT
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा और ऊना जिले में मक्के की फसल में फॉल आर्मीवर्मी देखा गया है।

कोरोना संकट में किसानों की मुश्किलें कम नहीं हो रहीं हैं, बे-मौसम बारिश, बढ़ते तापमान, लॉकडाउन से परेशान हिमाचल प्रदेश के कई जिलों के मक्का किसानों की परेशानी फॉल आर्मीवर्म ने और बढ़ा दी है। अगर जल्दी इसका नियंत्रण नहीं किया गया तो ये पूरी फसल बर्बाद कर देते हैं।

किसान सुरेश पठानियां और उनके आसपास के कई किसानों की मक्की (मक्का) की फसल फॉल आर्मीवर्म बर्बाद कर रहे हैं। सुरेश पठानियां कहते हैं, "कुछ दिनों से मक्की में कीट लगे हुए थे, पहले तो हम लोग समझ ही नहीं पाए, जब कृषि विभाग के लोग आए तो उन्होंने बताया कि ये फॉल आर्मीवर्म है। आसपास के कई किसानों की फसल में यही परेशानी है।"

कांगड़ा जिले के नूरपुर ब्लॉक में मक्का की फसल में फॉल आर्मीवर्म की पहचान करते कृषि विभाग के अधिकारी 

सुरेश पठानियां हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के नूरपुर ब्लॉक में रिट गाँव के किसान हैं। वो आगे बताते हैं, "कई महीनों से हम किसानों की परेशानी कम नहीं हो रही है। लॉकडाउन के समय तो किसी तरह परमिशन लेकर गेहूं की कटाई हो गई थी। पिछले कई साल से बंदरों की वजह से हमने मक्की की फसल कम कर दी है। अगर ऐसे ही नुकसान होता रहा तो कुछ नहीं बचेगा।

करीब तीन साल पहले अफ्रीका में मक्के की फसल बर्बाद करने वाला फॉल आर्मीवर्म अब भारत के कई राज्यों में पहुंच गया है। इस कीट को भारत में सबसे पहले मई, 2018 को कर्नाटक के शिवमोगा में देखा गया था। इसके बाद तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, गुजरात, छत्तीसगढ़, केरल, राजस्थान, झारखण्ड, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड, त्रिपुरा, मेघालय, अरूणाचल प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश और सिक्किम में भी हानिकारक स्तर तक किसानों के खेतों में रिपोर्ट किया गया।

कांगड़ा के उप कृषि निदेशक डॉ. प्रकाश सैनी बताते हैं, ""नूरपुर, पालमपुर जैसे कई ब्लॉक में अभी मक्के की फसल में फॉल आर्मीवर्म को देखा गया है। यहां पर इस समय मक्का और धान की खेती होती है। किसानों ने जब कीट के प्रकोप की जानकारी दी, तो हमने कई गाँवों में मक्का की फसल का दौरा किया तो पता चला कि ये तो फॉल आर्मीवर्म नाम का कीट है, जिसे यहां पर अभी पहली बार देखा गया है। पंजाब से सटे होने के कारण हो सकता है, ये कीट पंजाब से यहां पर आए हों।"

फॉल आर्मीवर्म मक्का की फसल बर्बाद करता है, अगर मक्का की फसल नहीं मिलती तो ज्वार की फसल पर आक्रमण करता है। अगर मक्का और ज्वार दोनों फसलें नहीं मिलती तो दूसरी फसलें, जैसे-गन्ना, चावल, गेहूं, रागी जैसी फसलों को बर्बाद करते हैं। कभी-कभी जो कपास और सब्जियों की फसलों को भी बर्बाद करते हैं। फॉल आर्मीवर्म के वयस्क पतंगे खाने की तलाश में 100 किमी तक उड़ सकते हैं।


कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार हिमाचल प्रदेश में लगभग 356,000 क्षेत्रफल में मक्का की खेती होती है। साल 2017-18 में यहां पर 644.44 हजार टन मक्का का उत्पादन हुआ था।

नूरपुर ब्लॉक में नियुक्त कृषि विभाग के विषय विशेषज्ञ (एसएमस) सुनील दत्ता शर्मा बताते हैं, "हम इस समय फील्ड में रहकर किसानों को फॉल आर्मीवर्म के बारे में बता रहे हैं, कि अगर समय पर इसका कंट्रोल नहीं किया गया तो इसके वयस्क कीट एक बार में एक हजार अंडे देते हैं, ऐसे में ये लगातार ही बढ़ते रहेंगे, इसलिए समय रहते इनका नियंत्रण करना चाहिए। नहीं तो ये पूरी मक्का की फसल बर्बाद कर देंगे।"

अभी इस कीट को कांगड़ा और ऊना जिले में देखा गया है। यहां के कई गाँवों के किसानों ने बंदरों के आतंक की वजह से पहले से ही मक्का की फसल की बुवाई बहुत कम कर दी है।

फॉल आर्मीवर्म से बचाव के बारे में डॉ. प्रकाश सैनी बताते हैं, "सबसे पहले खेत में फेरोमोन ट्रैप लगा लें, जिससे नर कीट इसमें फंस जाएं, साथ ही अंडों को खत्म करने के लिए ट्राइकोडर्मा का प्रयोग करें। साथ ही क्वीनालफॉस 25 ईसी 800 मिली प्रति हेक्टेयर या फिर प्रोफेनोफॉस 40 प्रतिशत साइपर 4 प्रतिशत दर 750 मिली प्रति हेक्टेयर का छिड़काव करें। सबसे जरूरी होता है पूरी फसल का निरीक्षण करतें रहें।" 

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