उत्तर प्रदेश में फसल बीमा योजना के बारे में जागरूक करेंगे किसान जागरूकता रथ

किसान जागरूकता रथ प्रदेश के वाराणसी, गाजीपुर, चंदौली, जौनपुर, मिर्जापुर, भदोही, सोनभद्र और ललितपुर में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रति किसानों को जागरूक करेंगे।

Update: 2020-07-27 14:59 GMT

लखनऊ। फसल बीमा योजना के लिए किसानों को जागरूक करने के लिए अब किसान जागरूकता रथ उनके जिले तक जाएगा, किसान जागरूकता रथ के जरिए किसानों को फसल बीमा की फायदों के साथ ही कैसे इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं, सब जानकारी दी जाएगी।

उत्तर प्रदेश के कृषि, कृषि शिक्षा व अनुसंधान मंत्री, सूर्य प्रताप शाही ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत नौ किसान जागरूकता रथ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। कृषि मंत्री ने कहा, " यह रथ 08 जनपदों, वाराणसी, गाजीपुर, चंदौली, जौनपुर, मिर्जापुर, भदोही, सोनभद्र और ललितपुर में किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रति जागरूक करने के लिए भेजे जा रहे हैं। यह जागरूकता रथ एक माह तक निरंतर अपने जनपदों में किसानों को इस योजना के प्रति जागरूक करेंगे।

कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश के 75 जनपदों में किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ दिये जाने के लिए टेण्डर के माध्यम से न्यूनतम दर दाता 04 कम्पनियों में से एचडीएफसी एर्गो द्वारा अपने जनपदों में यह जागरूकता रथ भेजे जा रहे हैं। यह जागरूकता रथ अपने-अपने जनपदों में पहुंचकर किसानों से सम्पर्क करेंगे और उन्हें योजना की शर्तों व लाभ के बारे में बताकर बीमा कराए जाने के प्रति उत्साहित करेंगे।

उन्होंने बताया कि किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण लेने वाले किसान यदि बीमा नहीं कराना चाहते हैं, तो उन्हें 31 जुलाई, 2020 तक अपने ऋणदाता बैंक में सम्पर्क कर इस आशय का प्रार्थना पत्र देना होगा।

कृषि मंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत किसानों की फसल का बीमा किया जाता है। इस बीमा योजना के अन्तर्गत किसानों को खरीफ की फसल में प्रीमियम धनराशि का 2 प्रतिशत, जबकि रबी की फसल में 1.5 प्रतिशत देना होता है। उन्होंने बताया कि पूर्व में किसान क्रेडिट कार्ड के अन्तर्गत ऋण लेने वाले किसानों के लिए फसल का बीमा कराया जाना अनिवार्य था, लेकिन इस बार भारत सरकार द्वारा इस योजना का लाभ लिया जाना स्वैच्छिक कर दिया गया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत बुन्देलखण्ड के लगभग 6 लाख किसानों को 750 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है। 

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