यूपी: कैबिनेट ने मंडी, जैविक खेती और मथुरा पशु विश्वविद्यालय से जुड़े तीन निर्णयों पर लगाई मुहर

Update: 2020-11-24 17:22 GMT

लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में खेती, पशुपालन और किसानों से जुड़े तीन निर्णयों पर मुहर लगाई गई।

हमीरपुर में जैविक खेती विकास योजना का दूसरे चरण का प्रस्ताव

बुंदेलखंड के जिलों में शामिल हमीरपुर जनपद में जैविक खेती के विकास की योजना के अंतर्गत दूसरे चरण ( 2021 से 2022-23 ) के प्रस्ताव पर मंत्रिपरिषद ने मुहर लगा दी। बुंदेलखंड में जैविक खेती की संभावनाओं को देखते हुए प्रदेश में जैविक खेती के रकबे को बढ़ाने के लिए साल 2016 में योजना की शुरुआत की गई थी। 'जनपद हमीरपुर में जैविक खेती की योजना' का पहला चरण साल 2019 तक चला। जैविक खेती योजना के दूसरे चरण के तहत तीन वर्षों में 14.28 करोड़ रुपए की धनराशि व्यय की जाएगी।


योजना के तहत हमीरपुर के सभी सात विकासखंडों (ब्लॉक) में 4900 हेक्टेयर क्षेत्रफल को जीरो बजट प्राकृतिक खेती योजना के तहत डेवलप किया जाएगा। सभी विकास खंडों में 20-20 कलस्टर बनाएं जाएंगे और जिसनें प्रति कलस्टर 700 हेक्टेयर रकबे का लक्ष्य रखा गया है। कैबिनेट की मीटिंग बाद सरकार के द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस योजना से किसानों की आय में वृद्धि होगी और जैविक कृषि उत्पादनों की मार्केटिंग से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे साथ ही कृषि की लागत भी कम होगी। इससे पहले सितंबर में चित्रकूट धाम मंडल के विकासकार्यो की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि बुंदेलखंड के जिलों को जैविक हब बनाएंगे।

मंडी शुल्क 02 फीसदी से घटाकर एक फीसदी करने का प्रस्ताव पर मुहर

उत्तर प्रदेश की कैबिनेट ने मंगलवार को मण्डी परिषदों एवं अधिसूचित मण्डी स्थलों में लगाए जाने वाले मंडी शुल्क की मौजूदा दर 02 फीसदी से घटाकर 01 फीसदी करने के फैसले पर मुहर लगा दी। इसके साथ ही डेवलमेंट चार्ज पहले की तरह 0.50 फीसदी ही रहेगा। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार ये निर्णय किसान उत्पाद, व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम-2020 के अनुक्रम में मण्डी शुल्क की दरों में संशोधन कर कमी किए जाने के तहत लिया गया है। यह निर्णय मण्डी अधिनियम-1964 की धारा 17(3)(ख) के प्राविधान के अनुसार अधिसूचना निर्गत करने के उपरान्त लागू हो जाएगा।


नए कृषि कानूनों के तहत मंडी के बाहर कारोबार टैक्स फ्री है। ऐसे में सवाल उठ रहे थे कि मंडी में टैक्स और बाहर टैक्स नहीं होने से मंडियां औचित्यहीन हो जाएंगी।

यूपी सरकार के मुताबिक नई व्यवस्था (नए कानूनों) को देखते हुए मंडी परिसरों के अंदर अन्दर के व्यापार को प्रासंगिक और आकर्षित बनाये रखने के लिए मण्डी शुल्क दरों में कमी किया जाना आवश्यक है। मण्डियों का व्यापार कम होने व उनका कमजोर पड़ना कृषक हित में नहीं होगा।

पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो-अनुसंधान संस्थान में वेतनमान रिव्यू का प्रस्ताव पास

मथुरा में स्थित पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो-अनुसंधान संस्थान, कार्यरत कुलपति/शिक्षकों के सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग की संस्तुतियों के आधार पर वेतनमान का पुनरीक्षण किए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ने अनुमोदित कर दिया है। पशुओं की संख्या को देखते हुए यूपी देश का सबसे बड़ा प्रदेश है। मथुरा के पशु विश्वविद्यालय की स्थापना 25 अक्टूबर 2001 को की गई थी। छठवें केन्द्रीय वेतन आयोग की संस्तुतियों को 01 जनवरी, 2006 से विश्वविद्यालय में कार्यरत कुलपति/शिक्षकों के सम्बन्ध में लागू किया गया है।


सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार सातवां केन्द्रीय वेतन आयोग की संस्तुतियों के अनुसार वेतन पुनरीक्षण योजना का लाभ पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो-अनुसंधान संस्थान, मथुरा द्वारा विश्वविद्यालय के शिक्षकों (कुलपति सहित) को अनुमन्य कराए जाने से उनका मनोबल बढ़ेगा। इससे नवीन शोधों एवं नवाचारों की सम्भावना प्रबल होगी तथा पशु चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम खुलेंगे।

खबर अपडेट की जा रही है...          

Similar News