एमबीए की डिग्री, जुकिनी, गोभी और शिमला मिर्च की खेती, टर्नओवर 50 लाख से ज्यादा

पांच साल पहले पांच एकड़ से शिमला मिर्च की खेती की शुरुआत करने वाले शशांक आज तीस एकड़ में शिमला मिर्च, फूलगोभी और जुकिनी की खेती करते हैं

Update: 2019-12-04 07:26 GMT

लखनऊ। " आठ लाख रुपए एमबीए में खर्च करने के बाद मुझे 20-25 हजार रुपए महीने की नौकरी मिल रही थी, लेकिन मैं उससे संतुष्ट नहीं था। ऐसे में नौकरी न करके मैंने खेती करने की सोची। इस साल 22 एकड़ में फूलगोभी की खेती से मैंने 40 लाख रुपए कमाए जो नौकरी से शायद कभी नहीं कमा पाता।"

ये कहना है उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के जानकीपुरम कॉलोनी के रहने वाले युवा किसान शशांक भट्ट (34वर्ष) का। सब्जी की खेती करने वाला यह युवा किसान उन हजारों युवाओं के लिए नजीर है जिन्हें लगता है कि खेती घाटे का सौदा है। पांच साल पहले पांच एकड़ से शिमला मिर्च की खेती की शुरुआत करने वाले शशांक आज तीस एकड़ में शिमला मिर्च, फूलगोभी और जुकिनी की खेती करते हैं।

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खेती की शुरुआत के बारे में शशांक बताते हैं, " वर्ष 2013 में एमबीए करने बाद कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूं। ग्रामीण परिवेश से होने के कारण खेती-बाड़ी से जुड़ा था, ऐसे में नौकरी न करके मैंने खेती करने की सोची। मेरे मामा का खेती से जुड़े उपकरणों का व्यापार था। उनके साथ छह महीने रहकर पहले खेती की बारिकियों को समझा। "

युवा किसान शशांक आधुनिक तरीके से करते हैं खेती। 

" इस दौरान मुझे लगा कि परंपरागत खेती में लागत के हिसाब से मुनाफा ज्यादा नहीं है। किसानों को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि वे किस फसल को किस सीजन में करें जिससे मुनाफा ज्यादा हो। कौन सी बीज का प्रयोग करें और कौन सी खाद फसल में डालें इस बात से भी वे वाकिफ नहीं होते। सरकारी योजनाओं की भी जानकारी नहीं होती है जिस वजह से वे मात खा जाते हैं। ऐसे में मैंने सब्जी की खेती करने का मन बनाया। कुछ सब्जी व्यापारियों और बाजार की मांग को देखते हुए शिमला मिर्च से शुरुआत की। चिनहट ब्लॉक के लूडामऊ गाँव में एक किसान से लीज पर पांच एकड़ खेत लिया और खेती शुरू कर दी। दो साल में मेरे पांच लाख रुपए खर्च हुए और मुनाफा करीब 15 लाख का हुआ।" शशांक ने आगे बताया।

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वे आगे कहते हैं, " शिमला मिर्च की खेती से हुए मुनाफे से मेरा हौसला बढ़ा। इसके बाद इंटरनेट और कुछ साथी किसानों को देखकर मैंने 2019 में फूलगोभी की खेती करने का मन बनाया। गोभी की खेती में समय का बहुत बड़ा रोल होता है। अगर आप की गोभी सीजन शुरू होने के पहले बाजार में आ जाती है तो आपको बहुत मुनाफा होगा, क्योंकि उस समय मांग ज्यादा और उत्पादन कम होता है। अगैती फसल का बहुत लाभ मिलता है। इस बात को ध्यान में रखकर मैंने मई माह में बीज तैयार कर लिए। 15 सिंतबर तक मेरी गोभी तैयार हो गई थी, जबकि ज्यादातर किसान सिंतबर माह में पौध लगाते हैं। बाजार में मेरी गोभी 45 रुपए प्रति पीस के हिसाब से बिकी। 20 अक्टूबर तक रेट कुछ कम हुआ फिर भी 25 रुपए प्रति पीस के हिसाब से बिकी। इस तरह मुझे 22 एकड़ में करीब 40 लाख रुपए का मुझे मुनाफा हुआ। फसल तैयार करने में कुल लागत 9 लाख रुपए आए थे।"

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गोभी के साथ-साथ शिमला मिर्च और ब्रोकली उगाते हैं शशांक।

" जैसे इंसान जिंदा और स्वस्थ रहने के लिए रोज भोजन करता है उसी तरह से पेड़ पौधों को भी रोज भोजन (खाद-पानी) की जरूरत होती है, जो लोग इस चीज को समझ लेते हैं उनके लिए खेती फायदे का सौदा होती है। अगर किसान ज्यादा मुनाफा कमाना चाहता है तो उसे आधुनिक तरीके से खेती करनी होगी। धान-गेहूं से एक निश्चित कमाई हो सकती है। आधुनिक खेती के लिए सबसे पहले ड्रिप इरिगेशन, स्प्रिंकलर, मल्चिंग जैसी सुविधा होनी चाहिए। इसके साथ ही किसानों के लिए बहुत सी सरकारी योजनाएं चलती हैं जिसकी मदद से कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है। "

शशांक इस समय दो एकड़ में शिमला मिर्च, दो एकड़ में जुकिनी और दो एकड़ में ब्रोकली की खेती कर रहे हैं। शशांक ने गाँव के ही करीब दो दर्जन लोगों को रोजगार दे रखा है। ग्रामीण भी इस बात से खुश हैं कि उन्हें गाँव में रोजगार मिल रहा है। शशांक को देखकर गाँव के और आप-पास के किसान सब्जी की खेती करने लगे और अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।

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