आठ पशुओं से शुरू किया व्यापार, आज हैं मेरठ के सबसे बड़े दूध उत्पादक

Update: 2019-12-05 12:31 GMT

आरनावली, मेरठ (उत्तर प्रदेश)। आठ पशुओं से शुरू करने वाले विनोद भारती को भी नहीं पता था कि आने वाले समय में उनकी डेयरी मेरठ जिले की सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाली डेयरी बन जाएगी।

मेरठ जिला मुख्यालय से लगभग 22 किलोमीटर दूर रोहटा ब्लॉक के आरनावली गाँव में विनोद ने आठ पशु से डेयरी का संचालन किया था आज मेरठ जनपद के सबसे बड़े पशुपालक हैं और इतना ही नहीं प्रति दिन 25 से 30 कुंतल दुध तैयार हो कर मार्किट में जाता है।

विनोद भारती आगे बताते हैं, "हमनें दूध को पैकिंग से लेकर तैयार करने की मशनी प्लांट पर ही लगा रखी हैं हम खुद के ब्रांड से दूध की बिक्री करते हैं जिसका नाम भारती मिल्क स्प्लैश हैं और मार्केट में दूध नाम से बिकता है। हमारा दूध मेरठ से बाहर भी जाता हैं कई जगह लोगो ने आउटलेट लगा रखे है तो वही से लोग ले जाते हैं। वो आगे बताते हैं, "मेरठ जनपद मे 430 से अधिक प्रशासन ने डेयरी को बंद करा दी थी, लेकिन उसके बाद से मेरठ में बहुत कम ही डेयरी चला रहे हैं और सबसे बड़ी समस्या अब ये भी आ रही है कि उत्तर प्रदेश सरकार गाय को बेचने पर रोक लगा दी है लोगो मे भय हैं हमारे पास आठ से 10 पशु है जो दूध नही दे रहें और हम लोगो को फ्री में भी देने के लिए तैयार ही कोई नही ले जिस से डेयरी मालिक को नुकसान होता हैं।

खुद का ब्रांड तैयार किया भारती मिल्क स्प्लैश के नाम से

विनोद भारती बताते हैं, "मेरठ जनपद में हमारी सबसे बड़ी डेयरी है और खुद का ब्रांड है जो लोग दूर दराज से लेने आते है मार्केट में दूध नाम से लोग खरीदते हैं। लोगों को व बच्चो को दूध पंसद भी है जिसकी वजह ये रही कि हमने और पशु बढ़ाने शुरू किए आज बड़े पशुपालक डेयरी मालिक हैं।

54 रुपए किलो के हिसाब से दूध बिकता है

विनोद भारती बताते हैं, "हमारा दूध दूसरे दूध से महंगा बिकता है क्योंकि हमारी खुद की पैकिंग और लाने ले जाने का खर्चा भी होता है। शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है हमें नही पता दूसरा दूध कैसे तैयार होता है लेकिन हमारा दूध बिना छुए बिना, हवा लगे लोगो तक पहुंचता है।

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स्वच्छता का खासा खयाल रखा जाता है

विनोद भारती बताते हैं कि स्वछता का विशेष ध्यान रखा जाता हैं जहां दूध पैकिंग में तैयार होता है उस समय पहले ही सफाई की जाती है मशीन को अच्छे तरीके से धोया जाता हैं। जब गाय के नीचे दूध निकालने वाली मशीन लगाई जाती है तो मशीन के अंदर हर रोज फ़िल्टर लगाया जाता जो कोई भी गंदगी हो वो फ़िल्टर में जाए और फिर दूध दूसरी मशीन में चला जाता है।

बायोगैस का प्लांट भी लगाया है

विनोद भारती बताते है कि जो लोग डेयरी मालिक होते हैं वह गोबर को नाले या नदी में बहा देते हैं, जिसके कारण समाज में, गंदगी या बीमारी फैलने का डर होता है, लेकिन हमने अपने प्लांट में बायोगैस प्लांट लगाया हुआ है सभी पशुओं का गोबर उसमें डाला जाता हैं। उसके बाद उस गैस से हमारा एक चूल्हा चलता रहता है, जिसमें पानी गर्म होता हैं दूसरा हमारा जेनरेटर चलता है जो पूरे प्लान्ट को बिजली देने का काम करता है।

दूध को तैयार करने की विधि

विनोद भारती आगे बताते हैं कि हम जब गाय का दूध मशीन द्वारा निकालते हैं। तो दूध फ़िल्टर होकर सीधा चीलर मशीन में जाता है। जहां उसे 60 डिग्री टेम्प्रेचर पर ठंडा किया जाता है। उसके बाद पैकिंग मशीन तैयार की जाती है। जहां 500 किलोग्राम के पैकेट तैयार किए जाते हैं, उसके बाद दूध को इकट्ठा कर मार्केट में भेज दिया जाता है। 

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