छठ महापर्व 2022: तस्वीरों में देखिए कैसे मनाया गया आस्था का महापर्व

आस्था के महापर्व छठ पूजा का समापन हो गया, चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरूआत नहाय खाय से होती है और समापन ऊषा अर्घ्य के साथ होता है।

Update: 2022-10-31 09:00 GMT

छठ पूजा के चौथे दिन उगते सूरज को अर्घ्य देने के साथ ही महापर्व का समापन हो गया। नदी, तालाब में लोगों ने सूरज देवता को अर्घ्य दिया।

नहाय खाय के साथ ही 36 घंटे के निर्जला व्रत की शुरूआत की जाती है, उत्तर भारत के कई राज्यों के साथ ही देश के अलग-अलग हिस्सों में चार दिनों तक महापर्व का उत्सव मनाया जाता है।

चार दिन तक चलने वाले इस त्योहार के दौरान सूर्य और छठी मैया की पूजा की जाती है। छठ मैया देवी उषा हैं जिन्हें वैदिक काल से सूर्य की पत्नी माना जाता रहा है। यह त्योहार बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों और नेपाल में भी बड़े जोर-शोर से मनाया जाता है।

दूसरे हिंदू त्योहारों की तुलना में छठ पूजा को काफी कठिन माना जाता है। इन दिनों कई अनुष्ठान किए जाते है। भक्त इकट्ठा होकर नदियों, तालाबों में डुबकी लगाते हैं। वे चार दिन तक सख्त उपवास भी रखते हैं। फोटो: दिवेंद्र सिंह


चार दिन तक चलने वाले इस त्योहार के दौरान सूर्य और छठी मैया की पूजा की जाती है। फोटो: मानवेंद्र सिंह


सूर्य को अर्घ्य देने के लिए कमर तक पानी में खड़ा होता है। फोटो: दिवेंद्र सिंह


देश ही दुनिया भर में ये महापर्व धूमधाम से मनाया जाता है। फोटो: मानवेंद्र सिंह


 

शाम का डूबते सूरज को अर्घ्य दिया जाता है, जबकि व्रत का पारण उगते सूरज को अर्घ्य देकर किया जाता है। 


 



 

यह त्योहार बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों और नेपाल में भी बड़े जोर-शोर से मनाया जाता है। फोटो: दिवेंद्र सिंह


 

छठ मैया देवी उषा हैं जिन्हें वैदिक काल से सूर्य की पत्नी माना जाता रहा है। फोटो: दिवेंद्र सिंह


फोटो: मानवेंद्र सिंह


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