हरियाणा: नहीं हो रही बाजरे की सरकारी खरीद, किसानों ने कहा- हमारे पास अगली फसल की बुआई के लिए भी पैसे नहीं

Update: 2021-01-12 13:48 GMT

- प्रवीण, भिवानी

तीन नए कानूनों के विरोध में पिछले करीब दो महीने से केंद्र सरकार किसान हरियाणा के सिंघु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार लगातार किसानों को भरोसा दिलाने की कोशिश कर रही है कि एमएसपी पर फसलों की बिक्री की पुरानी व्यवस्थान पर नए कानूनों से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन जिस राज्य हरियाणा में बीजेपी की सरकार हैं वहां अब सरकार ने हजारों किसानों की बाजरे की फसल की खरीदारी नहीं की है।

हाल इतना बुरा ही कि फसल कटने के चार महीने बाद तक किसानों की फसल मंडी में ही पड़ी है और उसका कोई खरीदार नहीं है। दो महीने बाद किसान अगली फसल काटने की तैयारी कर लेंगे पर अब तक उन्हें पिछली फसल के पैसे तक नहीं मिल पाए हैं।

हरियाणा सरकार ने बाजरे की फसल की खरीदार 1 अक्टूबर से शुरू की थी। भिवानी जिले की बवानी खेड़ा मंडी में हर दिन 24 किसानों को गेट पास जारी किया गया और मंडी में उनकी फसल को खरीदा गया।

एक महीने तक हर दिन सिर्फ 24 किसानों की फसल की खरीदारी ही होती रही। किसानों के विरोध के कारण गेट पास की संख्या को 24 से बढ़ाकर 80 कर दिया गया। सरकार ने 21 नवंबर तक किसानों को फसल खरीदने के लिए गेट पास जारी किए, लेकिन 13 नवंबर के बाद किसानों की फसल की कोई खरीदारी नहीं हुई।

जिन किसानों को गेट पास मिल चुके थे वो 13 नवंबर से 21 नवंबर के बीच लगातार अपनी फसलों को मंडी में लाते थे। जिले में सैंकडों किसानों की फसल पिछले दो महीने से मंडी में खुले आसमान तले रखी है, पर उसका कोई खरीदार नहीं है।

किसान इसी उम्मीद में हैं कि सरकार दोबारा से खरीदारी शुरू करेगी और उनकी फसल बिक जाएगी। जनवरी के शुरुआती हफ्ते में बारिश की वजह से फसल को नुकसान भी पहुंचा है। फसल नहीं बिकने की वजह से किसानों की हालत इतनी खराब है कि उनके पास आगे की फसल की बिजाई करने तक के लिए पैसे तक नहीं हैं।

किसान ने अपनी फसल की खरीदारी होने की शिकायत डीसी को भी की है। डीसी ने किसानों को फसल खरीदे जाने का भरोसा तो जरूर दिलाया पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

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