अपनी 10वीं वर्षगांठ पर गाँव कनेक्शन ने जारी किया एक अनूठा संग्रह- महामारी में ग्रामीण महिलाओं की 50 सफलता की कहानियां

250 पन्नों की फ्री-टू-डाउनलोड ई-बुक ग्रामीण महिलाओं के असाधारण साहस, धैर्य और दृढ़ संकल्प की कहानियों का एक संग्रह है, जो महामारी के खिलाफ डटी रहीं।

Update: 2022-12-02 06:00 GMT

आज 2 दिसंबर को गाँव कनेक्शन दस साल का हो गया है। इस अवसर पर भारत के सबसे बड़े ग्रामीण मीडिया प्लेटफॉर्म ने महामारी में ग्रामीण महिलाओं की 50 सफलता की कहानियों के शीर्षक वाली एक ई-पुस्तक लॉन्च की। यह रिपोर्ट ग्रामीण महिलाओं के असाधारण साहस, धैर्य और दृढ़ संकल्प की कहानियों का संग्रह है, जो महामारी के खिलाफ डटी रहीं। यह गाँव कनेक्शन की वेबसाइट पर मुफ्त डाउनलोड के लिए उपलब्ध है।

250 पेज की यह ई-बुक ग्रामीण महिलाओं की परेशानियों, आशाओं, नवाचारों और सफलताओं से संबंधित है। ये उन महिलाओं की कहानियां हैं, जिनके बारे में शायद ही कभी बात की जाती है। लेकिन, गाँव कनेक्शन ने लगातार उन्हें खोजा, उनसे बात की, उनकी कहानियां सुनीं, उनकी उपलब्धियों को रिकॉर्ड किया और उन्हें दुनिया भर के ध्यान में लाया।

गाँव कनेक्शन और इसके काम के महत्व के बारे में बात करते हुए, संस्थापक नीलेश मिसरा ने कहा, "सनसनीखेज प्राइमटाइम सुर्खियों और ट्रेंडिंग हैशटैग और रीलों से दूर, असली भारत अपनी गुमनामी में रहता है, अपनी रोजमर्रा की चुनौतियों का सामना करता है और हर रोज जीतता है। बदलाव की कहानियां जो जिंदगियां बदल रहीं हैं- भारत में हर दिन सामने आ रही हैं। उनमें से लगभग सभी मुख्यधारा के मीडिया में कभी नहीं आते हैं।

"गाँव कनेक्शन में, यह हमारा कर्तव्य है कि हम ईमानदारी और सहानुभूति के साथ इन कहानियों का दस्तावेजीकरण करें जो हमें प्रेरणा और साहस देती हैं- चाहे हम कहीं भी रहते हों, किसी शहर या गाँव में, और हम जीवन में जो भी कर रहे हों। इन 50 महिलाओं की कहानियां हमें प्रेरित करती हैं, हमें उत्साहित करती हैं और सैकड़ों मोटी किताबों की तुलना में ग्रामीण भारत के बारे में कहीं अधिक बताती हैं।"


रिपोर्ट - महामारी में ग्रामीण महिलाओं की 50 सफलता की कहानियां - को चार व्यापक विषयों में विभाजित किया गया है। इनमें भारत में महिला उद्यमी, भारत में महिला किसान, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता और भारत में खिलाड़ी शामिल हैं। देश के कोने-कोने से कहानियां हैं।

संकलन के बारे में बात करते हुए गाँव कनेक्शन की मैनेजिंग एडिटर निधि जम्वाल ने कहा, "ग्रामीण भारत में हमेशा एक आवाज की कमी रही है और पिछले एक दशक से गाँव कनेक्शन ने उस आवाज को खोजने और सुनने और उसे सुनाने की कोशिश की है और यह रिपोर्ट उसी प्रयास का एक हिस्सा है।"

"महामारी के दौरान, जब अधिकांश लोग अपने घरों के अंदर बंद थे, गाँव कनेक्शन के कम्युनिटी जर्नलिस्ट, जो गाँवों और छोटे शहरों से आते हैं ने ग्रामीण भारत पर COVID19 के प्रभाव की कहानियों को बड़ी मेहनत से दर्ज किया और हमने सीखा कि कैसे महामारी से उत्पन्न कठिन चुनौतियों के बावजूद, कई ग्रामीण महिलाएं उद्यमी के रूप में उभरीं, "जम्वाल ने बताया।

ये ग्रामीण महिलाओं की प्रेरक कहानियां हैं जिन्हें मुख्यधारा के मीडिया में खोजना मुश्किल है। लेकिन, इस ई-बुक में, ग्रामीण महिलाएं स्वास्थ्य कार्यकर्ता, सफल किसान, शिल्पकार, उद्यमी और एथलीट होने की अपनी कहानियाँ साझा करती हैं।

COVID19 महामारी ने दुनिया को उल्टा कर दिया और हमेशा की तरह, महिलाओं को इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ा। अपने परिवार का भरण-पोषण करने, थाली में खाना और पीठ पर कपड़ा रखने के साथ-साथ महिलाओं पर अब उन्हें सुरक्षित रखने की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी थी और उन्होंने ऐसा प्रशंसनीय ढंग से और सभी बाधाओं के विरुद्ध किया।

ई-बुक में उनकी पीड़ा की कहानियों को नहीं बल्कि उनके साहस की कहानियों को उजागर किया गया है, क्योंकि उन्होंने अपने पल्लू को मजबूती से अपनी कमर पर लपेटा, और कारोबार चलाया, टीके लगाए, भोजन उगाया, जानवरों को खिलाया, पेड़ लगाए, टोकरियां बुनीं, फर्नीचर बनाया और जीवन बचाया।

महामारी में ग्रामीण महिलाओं की 50 सफलता की कहानियां डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें।

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