गेहूं में खरपतवार हटाने के लिए करें सही उपाय

Update: 2016-11-22 19:16 GMT
गेहूं की खेती (फोटो साभार: गूगल)

प्रतापगढ़। जिले में किसानों ने गेहूं की बुवाई शुरू कर दी है। किसानों को सबसे ज्यादा परेशानी खरपतवार से होती है, जिससे पैदावार पर प्रभाव पड़ता है।

कम निकलते हैं गेहूं के कल्ले

वर्तमान समय में गेहूं की फसल अपनी ताजमूल अवस्था प्राप्त कर चुकी है तथा फसल में प्रथम सिंचाई की जा चुकी है। यह समय गेहूं में खरपतवार के प्रकोप के लिये अनुकूल होता है। खेतों में ज्यादा खरपतवार होने से गेहूं के कल्ले कम निकलते हैं, जिससे उत्पादन में कमी आ जाती है। अधिक उत्पादन के लिये किसानों को खेतों में रसायनों का प्रयोग करके खेत को खरपतवार मुक्त करना होगा।

ऐसे करें उपाय

गेहुंसा एवं जंगली जई के नियंत्रण हेतु सल्फोसल्फ्यूरान 75 प्रति डब्लूपी की 13.5 ग्राम या सल्फोसल्फ्यूरान 75 प्रति मेट सल्फ्यूरान मिथाइल पांच प्रति 20 ग्राम प्रति एकड़ की दर से 200 से 250 लीटर पानी में घोल बनाकर पहली सिंचाई के बाद छिड़काव करना चाहिए। इसी प्रकार चौड़ी पत्ती के खरपतवार के नियंत्रण के लिए दो, चार, डी. सोडियम साल्ट 80 प्रति डब्लू पी की 625 ग्राम प्रति हेक्टेयर मात्रा का लगभग 500-600 लीटर पानी में घोलकर बुवाई के 20-25 दिन बाद फ्लैट फैन नाजिल से छिड़काव करना चाहिए।

(ओपिनियन पीस: अमित जायसवाल, जिला कृषि रक्षा अधिकारी)

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