उत्तर प्रदेश: इस समय 15 जिलों के 1500 से अधिक गाँव हैं बाढ़ से प्रभावित

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में युद्धस्तर पर राहत कार्य करने के निर्देश दिए हैं। 13 अक्टूबर को मुख्यमंत्री ने सिद्धार्थनगर जिले में बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री का भी वितरण किया।

Update: 2022-10-13 11:42 GMT

बाराबंकी जिले में बाढ़ प्रभावित एक गाँव। फोटो: आशीष आनंद

उत्तर प्रदेश के 15 जिलों में 1500 से अधिक गाँवों की लगभग 25 लाख की आबादी इस समय बाढ़ से प्रभावित है। वर्तमान ने राप्ती और सरयू (घाघरा) खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में युद्धस्तर पर राहत कार्य करने के निर्देश दिए हैं। आम जन की सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता देने पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने मंत्रिसमूहों को संबंधित प्रभार वाले मंडलों/जिलों के दौरे पर जाने के निर्देश दिए हैं।

12 अक्टूबर, बुधवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में तेज बारिश से हुई जनधन हानि की स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत कुछ दिनों में अत्यधिक बरसात से जनजीवन, पशुधन और खेती-किसानी पर प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिला है। कई जनपदों में जन-धन हानि की सूचना मिली है। राज्य सरकार सभी प्रभावित जनों की सुरक्षा और भरण-पोषण के लिए आवश्यक प्रबंध करने को प्रतिबद्ध है।

सीएम ने कहा कि अतिवृष्टि से प्रभावित सभी जिलों में राहत और पुनर्वास कार्य तेज किया जाए और एडीएम/जॉइंट मैजिस्ट्रेट स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में जनपदीय कंट्रोल रूम को 24×7 क्रियाशील रहें। अतिवृष्टि, आकाशीय विद्युत, सर्पदंश और डूबने से हुई जनहानि पर दुःख व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने दिवंगत व्यक्तियों के परिजनों को अनुमन्य राहत राशि तत्काल वितरित किए जाने और घायलों का समुचित उपचार कराने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आमजन को तत्काल मदद पहुंचाई जाए। राहत पैकेट के वितरण में देरी न हो। राहत शिविरों में प्रकाश आदि के पर्याप्त प्रबंध होने चाहिए। यह संवेदना और सहयोग का समय है। हमारी पूरी टीम को एकजुट होकर कार्य करे।

राहत शिविरों में करें लोगों की जांच, एंटी वेनम इंजेक्शन की न हो कमी

समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विभिन्न जलजनित/मच्छर जनित बीमारियों के प्रसार की आशंका होती है। साथ ही सर्पदंश की घटनाएं बढ़ने की आशंका है। ऐसे में राहत शिविरों का समीप स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएं। यहां एंटी वेनम इंजेक्शन की उपलब्धता जरूर रहे।

भारत में हर साल कम से कम 58,000 लोग सांप के काटने से अपनी जान गंवा देते हैं, जिनमें से ज्यादातर लोग गाँवों के रहने वाले है।

गाँव कनेक्शन ने जुलाई महीने में 'ग्रामीण भारत के स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध नहीं हैं एंटी-वेनम दवाएं, जबकि इन दवाओं का एक प्रमुख निर्माता और निर्यातक देश है भारत' शीर्षक से ग्राउंड रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें पता चला था कि एंटीवेनम की कितनी कमी है।

कृषि फसलों पर पड़े प्रभाव की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में राजस्व और कृषि विभाग की टीम गहन सर्वेक्षण करते हुए नुकसान का आकलन करे। ताकि किसानों को क्षतिपूर्ति की जा सके। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुधन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में पशुचारे का पर्याप्त प्रबन्ध किया जाए।

मुख्यमंत्री ने नदियों के जलस्तर की सतत निगरानी करने पर बल देते हुए कहा कि इन सभी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य के लिए आवश्यकतानुसार एनडीआरएफ/एसडीआरएफ/पीएसी की टीमें तैनात की जाए।

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