लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2019 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की पहली बैठक में एक नई योजना को मंजूरी दी गई। इससे करोड़ों किसानों को फायदा तो होगा ही, मवेशियों की सेहत में सुधार भी होगा।
#Cabinet clears special scheme for Control of Foot and Mouth Disease (FMD) and Brucellosis The diseases of Foot and Mouth Disease (FMD) and Brucellosis are very common amongst the livestock – cow-bulls, buffaloes, sheep, goats, pigs etc.#CabinetDecision@PMOIndia @narendramodi pic.twitter.com/VFhCfbaGUF
— Sitanshu Kar (@DG_PIB) May 31, 2019
मवेशियों के खुरपका और मुंहपका (एफएमडी) और ब्रुसेलोसिस जैसी गंभीर बीमारियों से बचाने और उन्हें जड़े से खत्म करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने 13, 343 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है।
भारत सरकार द्वारा एफएमडी टीकारण और ब्रुसेलोसिस अभियान के तहत पशुओं का टीकाकरण किया जाता है। इस अभियान में 50 प्रतिशत भारत सरकार और 50 प्रतिशत राज्य सरकार देती रही है लेकिन अब इस अभियान का पूरा खर्चा केंद्र सरकार देगी।
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खुरपका और मुंहपका एक संक्रामक रोग है जो विषाणु से फैलता है। ये बीमारियां मवेशियों- गाय- बैल, भैंस, भेड़, बकरी, सूअर आदि में बहुत आम है।
अगर गाय या भैंस एफएमडी बीमारी से पीड़ित होती हैं तो दूध-उत्पादन 100% तक कम हो जाता है और यह स्थिति 4 से 6 महीनों तक बनी रह सकती है। इसके अलावा ब्रुसेलोसिस से पीड़ित होने की स्थिति में मवेशी के पूरे जीवनचक्र के दौरान दूध-उत्पादन 30 प्रतिशत तक घट जाता है। ब्रुसेलोसिस के कारण पशुओं में बांझपन भी हो जाता है। मवेशियों की देखभाल करने वाले और मवेशियों के मालिक भी ब्रुसेलोसिस से संक्रमित हो सकते हैं। इन दोनों बीमारियों का दूध और अन्य मवेशी उत्पादों के व्यापार पर सीधे नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
एफएमडी की स्थिति में यह योजना बछियों के प्राथमिक टीकाकरण के साथ 30 करोड़ गोजातीय पशुओं (गाय- बैल, भैंस) और 20 करोड़ भेड़/बकरियों तथा एक करोड़ सूअरों का 6 महीने के अंतराल पर टीकाकरण कराने का प्रयास करेगी, जबकि ब्रुसेलोसिस नियंत्रण कार्यक्रम 3.6 करोड़ बछियों को 100 प्रतिशत का टीकाकरण कवरेज उपलब्ध कराएगा।