गाय-भैंस जैसे पशुओं से बहुत से लोगों का रोजगार जुड़ा रहता है, पशुओं में कई ऐसी बीमारियां होती हैं, जिन पर अगर शुरू से ध्यान न दिया जाए तो नुकसान से बच सकते हैं। ऐसी ही एक बीमारी होती है ब्रुसेलोसिस, जिसे एक टीका लगाकर नियंत्रित किया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश पशुपालन विभाग 11 अप्रैल से 11 मई तक ब्रुसेलोसिस टीकाकरण अभियान चला रहा है। ताकि आगे आने वाले समय में यह बीमारी का संक्रमण पशुओं में न हो।
क्या है ब्रूसेलोसिस
विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ब्रुसेलोसिस एक संक्रामक बीमारी है जिसका महत्वपूर्ण आर्थिक प्रभाव पड़ता है। यह रोग ब्रुसेला परिवार के विभिन्न जीवाणुओं के कारण होता है, जो कुछ पशु प्रजातियों को संक्रमित करते हैं। लेकिन अधिकांश ब्रुसेला प्रजातियां अन्य जानवरों की प्रजातियों को भी संक्रमित कर सकती हैं।
ब्रुसेला टीकाकरण अभियान का शुभारंभ करते हुए जनपद बादा दिनांक 11.4.22 उत्तर प्रदेश @CMOfficeUP @UPGovt pic.twitter.com/LBMxaoIazG
— Department of AHUP (@DOAHUP) April 11, 2022
कितनी गंभीर होती है बीमारी
इस रोग के संक्रमित होने पर गर्भपात हो जाता है, साथ ही दूध उत्पादन पर भी असर डालती है। संक्रमित पशु का कच्चा दूध पीने से यह बीमारी पशुओं से इंसानों में भी हो जाती है। इससे पशुओं में कम उम्र में असर पड़ता है, जिसके कारण बांझपन और लंगड़ापन होता हो जाता है। पशुचिकित्सक, पशुपालक भी संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं क्योंकि वे संक्रमित जानवरों को संभालते हैं।
ऐसे फैलती ब्रूसेलोसिस बीमारी
आमतौर पर संक्रमित जानवरों के सीधे संपर्क से दूसरे जानवरों में फैलता है। संक्रमित जानवर के गर्भपात या बछड़े के बाद सभी संक्रामक आसपास फ़ैल जाते हैं और संक्रमित हो जाते हैं। यह बीमारी जानवरों से एक झुंड से दूसरे झुंड में ले तेज़ी से फैल जाती है।
ऐसे कर सकते हैं बचाव
साफ-सफाई से ब्रुसेलोसिस बीमारी के संक्रमण से बचा जा सकता है। उचित झुंड प्रबंधन प्लान बीमारी से बचने में मदद कर सकता है। अपने पशुओं को दूसरे पशुओं से ज्यादा ना मिलने दें। अपने पशु झुंड को दूसरे पशु झुंडों से अलग रखें।
सरकार द्वारा चलाए जा रहा मुफ्त टीकाकरण को लगवाएं। यह टीका 4 से 8 महीने की मादा बछियों या पड़ियों को एक बार लगाया जाता है।