केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पशुपालन और डेयरी विभाग की कई बड़ी योजनाओं में संशोधन की मंजूरी दी है, इसके लिए 54,618 करोड़ रुपये के पैकेज की स्वीकृति दी है।
कैबिनेट के इस फैसले से राष्ट्रीय गोकुल मिशन से स्वदेशी प्रजातियों के विकास और संरक्षण को मदद मिलेगी। इससे गांव के गरीब लोगों की आर्थिक हालत में भी सुधार होगा। राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम योजना (एनपीडीडी) का लक्ष्य थोक में लगभग 8900 कूलरों को लगाने का है, जिसमें दूध रखा जा सके। इस कदम से आठ लाख से अधिक दुग्ध उत्पादकों को फायदा होगा और 20 एलएलपीडी दूध की अतिरिक्त प्राप्ति संभव होगी। एनपीडीडी के अंतर्गत जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (जीआईसीए) से वित्तीय सहायता प्राप्त होगी, जिससे 4500 गांवों में नई अवसंरचना का निर्माण होगा और गांव शक्ति-सम्पन्न होंगे।
कैबिनेट बैठक में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पशुपालन और डेयरी विभाग की योजनाओं में संशोधन और दुरुस्त करने और 54,618 करोड़ रुपये का निवेश जुटाने के लिये विशेष पशुधन पैकेज को स्वीकृति दी है।
#CabinetDecisions | Mobile Veterinary Clinics will be established across India to enhance farmers’ access to optimum animal health services!#AnimalHealth #AnimalWealth #Livestock pic.twitter.com/aoRpt7hqsS
— Dept of Animal Husbandry & Dairying, Min of FAH&D (@Dept_of_AHD) July 14, 2021
भारत सरकार की योजनाओं के कई घटकों को संशोधित किया गया और उन्हें दुरुस्त बनाया गया। यह कदम अगले पांच वर्षों के लिये है, जो 2021-22 से शुरू होगा। यह मंजूरी इसलिये दी गई, ताकि पशुधन क्षेत्र में विकास को प्रोत्साहन मिले, जिसके कारण पशुपालन क्षेत्र से जुड़े 10 करोड़ किसानों के लिये पशुपालन फायदेमंद हो सके। इस पैकेज के तहत केंद्र सरकार अगले पांच वर्षों के दौरान 54,618 करोड़ रुपये का कुल निवेश जुटाने के लिये 9800 करोड़ रुपये की सहायता देगी।
केंद्र सरकार 2021-22 से अगले पांच वर्षों के लिये 9800 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने के लिये प्रतिबद्ध है, जो इन योजनाओं में लगाई जाएगी। इससे पशुपालन क्षेत्र में 54,618 करोड़ रुपये का कुल निवेश जुटाने में सहायता होगी। इसमें राज्य सरकारों, राज्य सहकारिताओं, वित्तीय संस्थानों, बाहरी वित्तीय एजेंसियों और अन्य हितधारकों के निवेश शामिल हैं।
#CabinetDecisions | #NewIndia‘s collaboration with Japan will bolster infrastructure development in rural parts of the country!#AnimalHealth #AnimalWealth #Livestock pic.twitter.com/NXKCZ05gok
— Dept of Animal Husbandry & Dairying, Min of FAH&D (@Dept_of_AHD) July 14, 2021
इसके आधार पर विभाग की सभी योजनाओं को तीन वृहद विकास योजनाओं की श्रेणी में समाविष्ट कर दिया जायेगा। इनमें राष्ट्रीय गोकुल मिशन, राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी), राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) और पशुधन की गणना और एकीकृत नमूना सर्वेक्षण (एलसी-एंड-आईएसएस) को उप-योजनाओं के तौर पर शामिल किया गया है।
रोग नियंत्रण कार्यक्रम का नाम बदलकर पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएडीसीपी) रख दिया गया है। इसमें मौजूदा पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण तो है ही, लेकिन इसके साथ राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम और अवसंरचना विकास निधि को शामिल किया गया है।
पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (एएचआईडीएफ) और डेयरी अवसंरचना विकास निधि (डीआईडीएफ) को आपस में मिला दिया गया है। इस तरह अवसंरचना विकास निधि तैयार की गई है। डेयरी गतिविधियों में संलग्न डेयरी सहकारिता और किसान उत्पादक संगठनों को भी इस तीसरी श्रेणी में शामिल कर लिया गया है, ताकि डेयरी सहकारिताओं को सहायता मिल सके।