चंडीगढ़। हरियाणा सरकार छुट्टे सांड की समस्या से निजात पाने और दूध के उत्पादन को बढ़ाने के लिए निर्धारित वीर्य प्रौद्योगिकी को अपनाएगी, जिसमें कृत्रिम गर्भाधान विधि से मादा मवेशियों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।
हरियाणा के वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने वर्ष 2018-19 के लिए हरियाणा प्रदेश के बजट को विधानसभा में पेश करते हुए अपने भाषण में कहा, छुट्टे सांडों की समस्या से निपटने के साथ-साथ मादा मवेशी की संख्या को बढ़ाते हुए दूध उत्पादन को बढ़ाने के प्रयास के तहत सरकार ने व्यापक पैमाने पर निर्धारित वीर्य प्रौद्योगिकी को अपनाने का प्रस्ताव किया है।
ये भी पढ़ें- वर्ल्ड एनिमल डे विशेष : गाय भैंस के लिए कृत्रिम गर्भाधान बेहतर लेकिन ये हाईटेक उपकरण और जानकारी ज़रूरी
उन्होंने कहा, इस प्रौद्योगिकी के तहत जन्म लेने वाले करीब 90 फीसदी गाय के बछिया ही जन्म लेगी। इस प्रकार छुट्टे सांड की समस्या से भी निजात मिलेगी और अधिक दूध उत्पादन करने के लिए मादा मवेशियों की संख्या में इजाफा होगा।
उन्होंने कहा कि किसानों को अतिरिक्त आय को बढ़ाने तथा खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए पशुपालन और डेयरी क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने वाले क्षेत्र के रूप में शिनाख्त की गई है।
ये भी पढ़ें- कृत्रिम गर्भाधान: पैदा होंगी सिर्फ बछिया
हरियाणा में करीब 25 हजार पशु सड़कों पर घूम रहे है। इनकी सबसे बड़ी वजह गोशालाओं की कमी है। हरियाणा गोसेवा आयोग के चेयरमैन भानीराम मंगला के मुताबिक जिन गोशालाओं में छुट्टा जानवरों को रखा जाता है। उनमें जगह और उनके चारे पानी की ही उचित व्यवस्था नहीं है।
देश से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप
फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।