ग्रामीण भारत की एक बड़ी आबादी पशुपालन से जुड़ी हुई, लेकिन अगर इस पशुपालन को व्यवसाय बना लिया जाए तब, सरकार एक ऐसी ही योजना लेकर आयी है, जिससे बड़े पैमाने पर पशुपालन से जुड़ा कोई भी व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।
पशुपालन विभाग, उत्तर प्रदेश के उप निदेशक (नियोजन) डॉ वीके सिंह पशुपालन अवसंरचना विकास फंड (एएचआईडीएफ) के बारे में विस्तार से बता रहे हैं, जिसकी मदद पशुपालन से जुड़ा कोई भी व्यवसाय शुरू करने के लिए लिए लोन दिया जाता है।
वीके सिंह बताते हैं, “अभी तक छोटे स्तर पर लोग डेयरी चलाते आ रहे हैं, लेकिन अब सरकार का यह मिशन है कि बड़े-बड़े उद्योगपति विकसित की जाए जोकि दूसरों को भी रोजगार दे सके।
एनिमल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंड फंड (एएचआईडीएफ) है यानि की पशुपालन अवसंरचना विकास फंड, क्योंकि जब इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप होगा तो आगे अपने आप ही विकास होगा। यह भारत सरकार की योजना है, जिसके लिए पूरे देश के लिए 15000 करोड़ रुपए के फंड का प्रावधान किया गया है।
इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है, ये पूरी तरह से पेपरलेस प्रक्रिया है, जिस बैंक से लोन लेना चाहता हैं पहले से उस बैंक से बात कर लें अगर बैंक से परमिशन मिल जाती है तो ऑनलाइन उसे भी सबमिट कर दे। इसके आवेदन का एप्रूव करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें भारत और प्रदेश दोनों सरकार की तरफ से सदस्य होते हैं।
सबसे जरूरी बात अगर आप आवेदन कर रहे हैं तो आपके पास अपनी जमीन होनी चाहिए, या फिर लीज पर भी ले सकते हैं, लेकिन इसके लिए कम से कम 30 साल का लीज होना चाहिए। सारे पेपर ऑनलाइन सबमिट करने के बाद अब कमेटी की तरफ से अप्रूवल मिल जाता है, तो आपको इसका लाभ मिल जाएगा।
इन यूनिट को शुरू करने के लिए मिलेगा लोन
दूध पाउडर निर्माण इकाई
आइसक्रीम बनाने की इकाई
टेट्रा पैकेजिंग सुविधाओं के साथ अल्ट्रा उच्च तापमान (यूएचटी) दूध प्रसंस्करण इकाई
फ्लेवर्ड मिल्क मैन्युफैक्चरिंग यूनिट
मट्ठा पाउडर निर्माण इकाई
विभिन्न प्रकार के मांस प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना
पनीर निर्माण इकाई
कोई भी अन्य दूध उत्पाद और मूल्य संवर्धन विनिर्माण इकाई
पशुपालन अवसंरचना विकास निधि योजना से मिलने वाले लाभ
लाभार्थी को निवेश के रूप में न्यूनतम 10 प्रतिशत मार्जिन मनी का योगदान करना होता है। बाकी 90 प्रतिशत राशि अनुसूचित बैंकों द्वारा ऋण के रुप में उपलब्ध कराई जाएगी।।
भारत सरकार द्वारा पात्र लाभार्थी को 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाएगा।
मूल ऋण राशि पर 2 वर्ष की मोहलत अवधि और उसके बाद 6 वर्ष की पुनर्भुगतान करने की अवधि होगी।
एमएसएमई द्वारा निर्धारित सीमा के अंतर्गत आने वाली स्वीकृत परियोजनाओं को क्रेडिट गारंटी फंड की तरफ से क्रेडिट गारंटी उपलब्ध कराई जाएगी। दी जाने वाली गारंटी उधारकर्ता की क्रेडिट सुविधा का 25 प्रतिशत तक होगी।
योजना का लाभ लेने के लिए कैसे करें आवेदन
सबसे पहले उद्यमी पोर्टल https://ahidf.udyamimitra.in/ पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा।
इसके बाद आपके सामने आवेदन प्रक्रिया शुरू करने के लिए पेज खुल जाएगा जहां आपको ऋण के लिए आवेदन करना होगा।
उसके बाद पशुपालन विभाग की ओर से आपके आवेदन की समीक्षा की जाएगी।
बैंक/ऋणदाता विभाग से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद ऋण स्वीकृत किया जाएगा।