विश्व दुग्ध दिवस विशेष: मौके पर ही पता चल पाएगा दूध असली है या नकली

विश्व दुग्ध दिवस पर चलिए आपको बहुत काम की बात बताते हैं। दूध में मिलावट को लेकर लोग हमेशा फिक्रमंद होते हैं। आज हम आपको बता रहे हैं कैसे आप घर पर ही कुछ मिनट में ये टेस्ट कर सकते हैं कि दूध शुद्ध है या मिलावटी World Milk Day

Diti BajpaiDiti Bajpai   31 May 2019 1:50 PM GMT

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विश्व दुग्ध दिवस विशेष: मौके पर ही पता चल पाएगा दूध असली है या नकली

लखनऊ। दूध और दूध से बने उत्पादों में मिलावट एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। इस समस्या से निजात पाने के लिए भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान (आईआईटीआर) ने फोकस मिशन की शुरूआत की है। इस मिशन के तहत ऐसे डिवाइज तैयार किए गए है जिनकी मदद से तुंरत पता चल सकेगा कि दूध में मिलावट है या नहीं।

"पूरे भारत में दूध में मिलावट का स्तर का लगभग 60-70 फीसदी है। दूध और उससे बने उत्पाद शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन और कैल्शियम का एक प्रमुख स्त्रोत है। ऐसे में इस मिलावट को रोकने और लोगों को जागरूक करने के लिए केंद्र सरकार ने फोकस मिशन लॉन्च किया है।" भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान के निदेशक प्रो. आलोक धवन ने बताया, "दूध में यूरिया, बोरिक एसिड और डिटर्जेंट की पहचान करने के लिए स्ट्रिप पेपर बनाया गया है। इसकी मदद से घर बैठे ही ग्रहिणी नकली दूध की पहचान कर सकेंगे। इसमें यह भी बताया गया है कि टेस्ट कैसे होंगे और इसका रंग बदलाव कैसे होगा।"

विश्व दुग्ध दिवस पर चलिए आपको बहुत काम की बात बताते हैं। दूध में मिलावट को लेकर लोग हमेशा फिक्रमंद होते हैं। आज हम आपको बता रहे हैं कैसे आप घर पर ही कुछ मिनट में ये टेस्ट कर सकते हैं कि दूध शुद्ध है या मिलावटी


अपनी बात को जारी रखते हुए प्रो.धवन बताते हैं, "गाँव में ज्यादातर मिलने वाले खाद्य पदार्थ शुद्ध होते है लेकिन शहर मे आते-आते इसमें काफी मिलावट हो जाती है। इस स्ट्रिप को जल्द ही हम बाजार में एक कंपनी के जरिए लाऐंगे ताकि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में यह पहुंच सके।" इस फोकस मिशन के तहत दूध ही बल्कि खाद्य पदार्थों के खेत में उत्पादन के बाद लंबे समय तक सुरक्षित बनाए रखने से लेकर लोगों के खाने तक खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए तकनीक विकसित की जा रही है।

पिछले 20 वर्षों से भारत विश्व में सबसे अधिक दुग्ध उत्पादन करने वाला देश बना हुआ है। लेकिन हाल ही में भारतीय पशु कल्याण बोर्ड के सदस्य मोहन सिंह अहलुवालिया ने कहा है कि दूध और दुग्ध उत्पादों में मिलावट बड़े पैमाने पर की जा रही है। देश में बिकने वाले करीब 68.7 प्रतिशत दूध और दुग्ध उत्पाद भारतीय खाद्य मानकों के हिसाब से सही नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि "यूरिया, स्टार्च, ग्लुकोच और फोर्मलिन जैसी चीजें दूध में विक्रेताओं द्वारा जान-बूझकर मिलाई जाती हैं। इससे दूध को गाढ़ा बनाने और लंबे समय तक चलाने में मदद मिलती है।"

आईआईटीआर के खाद्य औषधि एवं रसायन विष विज्ञान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ संदीप शर्मा बताते हैं, "अभी दूध के सैंपलों को टेस्ट करने में दस से ज्यादा दिन का समय लगता है तब तक वह दूध इस्तेमाल हो चुका होता है। इसलिए हम ऐसी मोबाइल डिवाइज़ तैयार कर रहे है जिसकी मदद से तुंरत ही पता चल सकेगा कि दूध कितनी मात्रा में यूरिया, बोरिक एसिड और डिटर्जेंट मिला हुआ है।" डॉ संदीप आगे बताते हैं, ''मोबाइल के अलावा भी कई डिवाइज़ तैयार की जा रही है, जिनको दूध की मंडियों में रखा जाएगा और दूध की जांच होगी। इनको उपकरणों को बनाने के लिए सीरी पिलानी, सीएफटीआरआई मैसूर, सीएसआईओ चंडीगढ़, नीस्ट तिरूवंतपुरम संस्थान मदद कर रहे है।"

दूध में मिलावट ले सकती हैं जान

दूध की जाने वाली मिलावट की भयावह तस्वीर भी हैं। यह मिलावट लोगों की जान ले सकती है। डब्लूएचओ का कहना हैं कि वर्ष 2025 तक ऐसे ही मिलावट होती रही है तो 87 फीसदी भारतीयों को कैंसर हो जाएगा।


      

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