लखनऊ। हर महीने अगर पशुपालक कुछ बातों को ध्यान को में रखें तो पशुपालक अच्छा उत्पादन कमा सकते है।
- मई माह में अधिक तापक्रम होने की संभावना रहती है, साथ ही कुछ स्थानों पर आंधी- तूफान के साथ वर्षा भी होती है।
- इस मौसम में ज्यादा गर्मी होने पर पशुओं में पानी व लवण की कमी, भूख कम होना, कम उत्पादन जैसे लक्षण देखने को मिलते है। ऐसे में पशुपालकों को ध्यान रखना चाहिए।
- पशुओं को धूप और लू से बचाने का उपाय करें।
- चारे का संग्रहण और उसकी समय पर खरीद कर सकें, ऐसे उपायों के बारे मे सोचें।
- पशुओं में लवणों की कमी नहीं होनी पाएं इसके लिए लवण-मिश्रण निर्धारित मात्रा में दाने और बांटे में मिलाकर दें।
- मौसम के अनुसार पशुओं के आहार में बदलाव करें। गेहूं का चोकर, जौ की मात्रा को बढ़ाए।
- पशुओं को सतुंलित आहार दें, जिससे उनकी दुग्ध उत्पादन क्षमता बनी रहे।
- चिचंड़ों और पेट के कीड़ों से पशुओं के बचाव का उचित प्रबंध करें।
- चारे के लिए बोई गई चरी, मक्का चारा घासों की कटाई करें।
- इस माह में भेड़ के ऊन कतरने का कार्य करें।
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