इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिनी नेतन्याहू इस समय भारत के छह दिवसीय दौरे पर हैं। वह रविवार को दिल्ली पहुंचे थे, आज भारत में उनका चौथा दिन है। बेंजामिन नेतन्याहू के दौरे पर उनका ड्रीम प्रोजेक्ट ‘कंप्यूटर काउ’ भी भारत में साकार होता नज़र आ रहा है। जी हां, आपने बिल्कुल सही सुना ‘कंप्यूटर काऊ’। ये गायें बिल्कुल दूसरी गायों जैसी ही हैं बस फर्क इतना है कि इनकी देखभार कंप्यूटर के ज़रिये की जाती है इसके अलावा ये गायें और भी कई मायने में दूसरी गायों से बेहतर हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले वर्ष जुलाई में इज़रायल की यात्रा पर गए थे, उस समय बेंजामिन नेतन्याहू ने मोदी को यह गाय दिखाई थी। उस वक्त मोदी ने इस गाय में काफी रुचि दिखाई थी। इस गाय की देखभाल और देश में मिल्क प्रोडक्शन को बढ़ाया जा सके, इसके लिए महीने के आखिर में हरियाणा के हिसार जिले में सरकार द्वारा सेंटर फॉर एक्सीलेंस में ‘कंप्यूटर काउ’ मिल्क प्रोडक्शन की शुरुआत की जा रही है। इस सेंटर को डेवलप करने के लिए वर्ष 2015 में इजरायली इंटरनेशनल डवलपमेंट कॉरपोरेशन एजेंसी मैशाव और हरियाणा सरकार ने समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
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भारत में औसतन प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 337 ग्राम है। भारत सरकार इसको 2022 तक बढ़ाकर 500 ग्राम करना चाहती है, लेकिन भारत में 2020 तक सालाना दूध उत्पादन में 30 लाख टन की कमी आने की संभावना जताई गई है। इस लिए ये ‘कंप्यूटर काऊ’ भारत सरकार की इस कोशिश में मददगार साबित हो सकती है। क्योंकि ये गायें भारती गायों के मुकाबले पांच गुना दूध देती हैं। भारतीय गायें प्रतिदिन औसतन 7.1 लीटर दूध देती हैं जबकि इजराइल की ये ‘कंप्यूटर काऊ’ प्रति दिन औसतन 35 लीटर दूध देती हैं।
एसोचैम द्वारा ‘भारतीय डेयरी उद्योग की विकास संभावना’पर किए गए अध्ययन में कहा गया है, दुनिया में विशालतम दूध उत्पादक होने के बावजूद भारत में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता 337 ग्राम प्रतिदिन है। दुनिया के अन्य देशों न्यूजीलैंड में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता 9,773 ग्राम, आयरलैंड में 3,260 ग्राम और डेनमार्क में 2,411 ग्राम है। मगर हमारे देश में एक आदमी को औसतन 335 ग्राम ही दूध मिल पाता है। जबकि सामान्य परिस्थितियों में एक बच्चों को दस साल तक की उम्र तक कम से कम एक लीटर दूध पीना चाहिए।
इस समय भारत में प्रति वर्ष 16 करोड़ (वर्ष 2015-16) लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है। इसमें 51 प्रतिशत उत्पादन भैंसों से 20 प्रतिशत देशी प्रजाति की गायों से और 25 प्रतिशत विदेशी प्रजाति की गायों से आता है। शेष हिस्सा बकरी जैसे छोटे दुधारू पशुओं से आता है। देश के इस डेयरी व्यवसाय से छह करोड़ किसान अपनी जीविका कमाते हैं।
इस गाय को पूरी तरह से कंप्यूटर की निगरानी में रखा जाता है। हर गाय के एक चिप लगी होती है जो उनके खाने-पीने, उनकी सेहत और उनके रहने अनुकूल वातावरण की जानकारी कंप्यूटर पर देती रहती है।