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“दूध बहुत जल्दी खराब होता है, इसलिए इसका एमएसपी तय नहीं हो सकता”

#milk production

लखनऊ। पिछले कई वर्षों से देश में दूध का उत्पादन बढ़ा है लेकिन दूध के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) निर्धारित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री डॉ संजीव कुमार बालियान ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत दुनिया में दूध उत्पादन में अग्रणी बना हुआ है। बालियान ने बताया “डेयरी विभाग देश में दूध की कीमतों को विनियमित नहीं करता। उत्पादन की लागत के आधार पर कीमतें सहकारिता तथा निजी डेरियां तय करती हैं।”

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डॉ संजीव कुमार ने यह भी कहा, “दूध बहुत ही जल्दी खराब होने वाला पदार्थ है, इसलिए डेरी विभाग का देश में दूध के लिए एमएसपी निर्धारित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।”

वर्ष 2013-14 में दूध का वार्षिक उत्पादन 13.76 करोड़ टन था जो 2017-18 में बढ़ कर 17.63 करोड़ टन हो गया। उन्होंने आगे कहा, “समय- समय पर राज्य सरकारें दूध की गुणवत्ता की जांच कर उसमें मिलावट आदि का पता लगाती हैं। एफएसएसएआई को भी दूध में मिलावट की शिकायतें मिली हैं।


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राज्य सरकारों से मिली सूचना के अनुसार, विश्लेषित दूध के कई नमूने मानकों के अनुरूप नहीं पाए गए। वर्ष 2017-18 के दौरान दूध के 10,663 नमूनों का विश्लेषण किया गया। इनमें से 3783 नमूने मिलावटी और गलत ब्रांड के पाए गए। इस संबंध में 2504 मामले दर्ज किए गए और 1006 मामलों में दोष सिद्वि हुई। कुल 1569 मामलों में 3,04,02550 रुपये का जुर्माना लगाया गया।

पशुओं के लिए ब्लड बैंक स्थापित करने का प्रस्ताव नहीं

सरकार का पशुओं के लिए ब्लड बैंक स्थापित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री डॉ संजीव कुमार बालियान ने राज्यसभा में कहा, “देश में पहले से ही पशुओं के लिए एक ब्लड बैंक है। इसका नाम ‘तनुवास पशु ब्लड बैंक’ है जो तमिलनाडु पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के अधीन है और चेन्नई के मद्रास पशुचिकित्सा कॉलेज शिक्षण अस्पताल के क्लीनिक विभाग के तहत कार्य कर रहा है।” उन्होंने कहा कि सरकार के पास पशुओं के लिए ब्लड बैंक स्थापित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

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