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पशुपालक कैलेंडर: सितंबर में ध्यान देने वाली बातें

#Animal disease
  • अच्छा मानसून होने पर पशु शाला में जलभराव समस्या और आद्रता जनित रोगों के संक्रमण की प्रबल संभावना रहती है इसलिए वर्षा जल निकासी का समुचित प्रंबधन करें।
  • बाड़े की साफ-सफाई का ध्यान रखें। समय-समय पर फर्श और दीवारों पर चूने के घोल का छिड़काव करें।
  • पशुओं को इस समय सूखे और ऊंचे स्थान पर रखें। पशुओं का परजीवियों से बचाव करें । विशेष रूप से मेमनों को फड़किया रोग का टीका लगवाएं।
  • पशु के मद (हीट) में आने के 12 से 18 घंटे के अंदर गाभिन करवाने का उचित समय है।

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  • इस महीने में भेड़ के ऊन कतरने का कार्य कर सकते है।
  • बरसीम और रिजका की बिजाई इस महीने के अंतिम सप्ताह में शुरू कर सकते है। इसके अलावा हरे चारे से साईलेज बनाएं और हरे चारे के साथ सूखे चारे को मिलाकर खिलाएं।
  • दुग्ध ज्वर से दुधारू पशुओं को बचाने के उपायों को ध्यान दें।

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