पोल्ट्री फार्मिंग के लिए कौन सी योजनाएं चला रही है सरकार, क्या MSP पर बिकेगा चिकन? लोकसभा में दिए गए जवाब

पोल्ट्री फार्मिंग को लेकर लोकसभा में कई सवाल उठे हैं, डेयरी और पशुपालन विभाग से पूछा गया है कि क्या सरकार चिकन लिए भी एमएसपी निर्धारित करेगी? साथ ही ये भी पूछा गया कि कोरोना में अंडे और चिकन के बिजनेस में कितना नुकसान हुआ।

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
पोल्ट्री फार्मिंग के लिए कौन सी योजनाएं चला रही है सरकार, क्या MSP पर बिकेगा चिकन? लोकसभा में दिए गए जवाब

डेयरी व पशुपालन के साथ ही देश में एक बाद तबका पोल्ट्री पालन व्यवसाय से जुड़ा हुआ है, आए दिन चिकन और अंडे को एमएसपी पर बेचने की बात की जाती है, सरकार पोल्ट्री पालन शुरू करने वालों के लिए कई योजनाएं भी चला रही है, ऐसे में कांग्रेस सांसद अनुमुला रेवंत रेड्डी ने लोकसभा में सरकार से कई सवाल किए।

कोरोना वायरस के डर से लोगों ने चिकन और अंडे खाना बंद कर दिया था, इसी बात को लेकर सांसद अनुमुला रेवंत रेड्डी पूछा कि क्या सरकार साल 2019 और 2020 में कोविड के चलते मुर्गी पालन क्षेत्र में हुए नुकसान के बारे में जानती है, अगर हाँ तो राज्यवार नुकसान का आंकड़ा क्या है। साथ ही ये पूछा की क्या सरकार की चिकन बिक्री को लेकर एमएसपी पर बेचने की कोई योजना है।

केंद्रीय पशुपालन, मछली पालन और डेयरी मंत्री परशोत्तम रुपाला ने लोकसभा में पोल्ट्री व्यवसाय से जुड़े तमाम सवालों के जवाब दिए। पशुपालन मंत्री ने पोल्ट्री व्यवसाय में नुकसान को लेकर कहा कि कई राज्यों में लॉकडाउन की वजह से अंडे, मुर्गे, मांस की बिक्री के साथ-साथ चारे की ढुलाई पर भी प्रतिबंध था, जिसकी वजह से पोल्ट्री फार्मिंग सेक्टर को भी नुकसान हुआ, लेकिन पशुपालन विभाग ने इस नुकसान का आकलन नहीं किया है।


चिकन का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने वाले सवाल पर पशुपालन मंत्री परशोत्तम रुपाला ने बताया कि फिलहाल सरकार चिकन पर एमएसपी निर्धारित करने पर विचार नहीं कर रही, क्योंकि ये एक जल्दी खराब होने वाला उत्पाद है। देश के ज्यादातर इलाकों में पोल्ट्री अलग-अलग लागत होने के कारण बाजार की परिस्थितियों के हिसाब से ही चिकन की कीमतों का निर्धारण होता है।

पोल्ट्री फार्मिंग के चलाई जा रहीं हैं ये योजनाएं

केंद्रीय पशुपालन मंत्री परशोत्तम रुपाला ने यह भी बताया कि सरकार ने साल 2020 से ही पशुपालन अवसंरचना विकास निधि जारी की है, जिसके तहत डेयरी प्रोसेसिंग से लेकर मूल्य संवर्धन अवसंरचना, मीट प्रोसेसिंग की मूल्य संवर्धन अवसंरचना और मवेशियों के लिए चारा संयंत्र की स्थापना को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए व्यक्तिगत उद्यमियों से लेकर निजी कंपनियों, एमएसएमई, किसान उत्पादक संगठन और समेत दूसरे संस्थानों के लिए निवेश को बढ़ावा दिया जा रहा है।

पशुपालन और डेयरी विभाग ने पोल्ट्री पालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। जून 2020 से 15000 करोड़ रुपये की पशुपालन अवसंरचना विकास निधि लागू की जा रही है। इस योजना के तहत प्रोद्योकिकी रूप से सहायता प्राप्त कुक्कुट फार्म, मांस प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन संरचना और कुक्कुट चारा सयन्त्र शुरू करने के लिए व्यक्तिगत उद्यमियों, निजी कंपनियों, एमएसएमई, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओे) धारा 8 कंपनियों द्वारा निवेश को बढ़ावा दिया जा रहा है।

वहीं राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत मुर्गी पालन को ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ावा देने के लिए किसानों को 50 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में पोल्ट्री फार्मों के स्थापना से लेकर विभिन्न क्षेत्रों के लिए 25 लाख तक की सब्सिडी दी जाती है।

#poultry #Poultry chicks #story 

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.