पिछले कुछ वर्षों में पोल्ट्री फार्मिंग का व्यवसाय तेजी से बढ़ा है, जिससे बड़ी मात्रा में अपशिष्ट भी निकलता है। इस अपशिष्ट को बिना उपचार किए अगर खेत में डालते हैं तो इससे पर्यावरण प्रदूषण का खतरा रहता है। इसी के साथ ही किसानों के लिए पराली एक बड़ी समस्या बन गई है, जिससे निपटने के लिए कई राज्यों में किसान पराली जलाते हैं, ऐसे में वैज्ञानिकों ने इसका भी हल निकाल लिया है। पराली और मुर्गी की बीट से बढ़िया खाद बना सकते हैं।
कुक्कुट अनुसंधान निदेशालय, हैदराबाद ने आईसीएआर-केंद्रीय शुष्क भूमि कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद के सहयोग से पोल्ट्री अपशिष्ट से खाद बनाने यह फॉर्मूला बनाया है।
पोल्ट्री अपशिष्ट को पराली के साथ ही पोल्ट्री अपशिष्ट में मौजूद नाइट्रोजन (C/N अनुपात) के साथ-साथ धान के भूसे में मौजूद कार्बन के उचित अनुपात में मिलाकर खाद बनाई जा सकती है, आखिर में इनमें केंचुओं को डालकर वर्मी कम्पोस्ट बना सकते हैं।
आमतौर पर जानकारी न होने की वजह मुर्गी पालने वाले किसान मुर्गियों की बीट को ऐसे ही फेंक देते हैं। लेकिन किसान भाई ऐसा कतई न करें। बीट से कमाई तो होती ही है साथ ही उसके प्रयोग से फसलों की पैदावार बढ़ जाती है।
जब 35:1 के C/N अनुपात में पोल्ट्री अपशिष्ट को पराली के साथ मिलाकर तैयार किया गया था, जिसमें सापेक्ष आर्द्रता – 45%, पीएच-5.5 और तापमान-320 डिग्री सेल्सियस था। 40 किलो धान की भूसी में लगभग 6 किलो पोल्ट्री अपशिष्ट मिलाया जाता है। आर्द्रता करीब 45 फीसदी बनी रहती है। ढेर के अंदर माइक्रोब्स के बढ़ने के कारण तापमान बदलता रहता है। 47वें दिन कम्पोस्ट तैयार हो जाता है। खाद तैयार होने के बाद, केंचुओं को वर्मीकम्पोस्ट में बदलने के लिए खाद के ढेर में डाल दिया गया। केंचुओं के आने के 45वें दिन अंतिम उत्पाद (वर्मीकम्पोस्ट) तैयार हो गया। 45वें दिन सापेक्ष आर्द्रता 50%, pH 5.5 और तापमान 240C था।
वहीं जब 30:1 के C/N अनुपात में कम्पोस्ट तैयार किया गया, जिसमें सापेक्ष आर्द्रता – 45%, pH – 5.5 और तापमान – 320C था। इस बार 40 किलोग्राम पराली में लगभग 8.7 किलोग्राम पोल्ट्री अपशिष्ट मिलाया गया। इससे 47वें दिन कम्पोस्ट तैयार हो गया। खाद तैयार होने के बाद, केंचुओं को वर्मीकम्पोस्ट में बदलने के लिए खाद के ढेर में डाल दिया गया। केंचुओं के आने के 45वें दिन अंतिम उत्पाद (वर्मीकम्पोस्ट) तैयार हो गया। अंतिम दिन सापेक्ष आर्द्रता 50%, पीएच 5.5 और ढेर का तापमान 250 डिग्री सेल्सियस था।
वहीं जब कम्पोस्ट को पराली के साथ पोल्ट्री अपशिष्ट मिलाकर 25:1 के C/N अनुपात में सापेक्ष आर्द्रता – 45%, pH – 5.0 और तापमान – 310C के पूरक के रूप में तैयार किया गया था। लगभग 14.3 किलोग्राम कूड़े में 40 किलोग्राम पराली मिलाई गई। 47वें दिन कम्पोस्ट तैयार हो गया। खाद तैयार होने के बाद, केंचुओं को वर्मीकम्पोस्ट में परिवर्तित करने के लिए ढेर में डाल दिया गया। केंचुओं के आने के 45वें दिन अंतिम उत्पाद (वर्मीकम्पोस्ट) तैयार हो गया। वर्मीकम्पोस्ट बनने के अंतिम दिन सापेक्ष आर्द्रता 50%, pH 5.5 और तापमान 250C था।