अगस्त-सितंबर में करें मछली पालन की तैयारी, विशेषज्ञों ने दी किसानों को जानकारी

किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए मत्स्य पालन एक बेहतर जरिया है और यह समय भी मछली पालन के लिए अनुकूल है। ऐसे में इन दिनों उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के मत्स्य विभाग के विशेषज्ञ किसानों को मछली पालन से जुड़ीं कई अहम जानकारियां दे रहे हैं।

Mohit SainiMohit Saini   29 Aug 2020 11:55 AM GMT

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अगस्त-सितंबर में करें मछली पालन की तैयारी, विशेषज्ञों ने दी किसानों को जानकारीमछली पालन के जरिये किसान बढ़ा सकते हैं अपनी आमदनी । फोटो : मोहित सैनी

मेरठ (उत्तर प्रदेश)। अगस्त-सितम्बर का महीना मछली पालन के लिए सबसे अनुकूल समय होता है। अच्छी गुणवत्ता के बीज इस्तेमाल करके इन दिनों किसान मछली पालन की तैयारी कर सकते हैं।

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में कृषि विश्वविद्यालय के मत्स्य विभाग के वैज्ञानिकों की ओर से इन दिनों किसानों को मछली पालन के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण के दौरान किसानों को मछली पालन के लिए बीज भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

इस प्रशिक्षण में शामिल वैज्ञानिकों ने किसानों को बताया कि एक हेक्टेयर में एक साल के अन्दर 5,000 किलो तक मछली उत्पादन किया जा सकता है।

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के मत्स्य विभाग के प्रोफेसर डॉ. डीपी सिंह 'गाँव कनेक्शन' से बताते हैं, "असल में मछली पालन करने वाले किसानों के लिए यह सही समय है। इसलिए हम किसानों को प्रोत्साहित कर रहे हैं, साथ ही उन्हें बीज भी उपलब्ध करा रहे हैं।"

डॉ. सिंह ने बताया, "किसानों को इस समय अपने तालाब को पूरी तरह से साफ़ कर तैयार करना चाहिए, इसके बाद उन्हें मछली पालन के लिए अच्छी गुणवत्ता के बीज इस्तेमाल में लाने चाहिए, अगर किसान बाहर से बीज खरीद रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि तालाब में कम से कम एक फिंगर लिंग साइज का ही बीज डालें।"


"यदि इस समय किसान किसी अच्छी जगह से गुणवत्ता युक्त बीज की खरीदारी कर तालाब में बीज का संचय करता है तो उसे इसका लाभ मिलेगा, एक मछली पालक को एक हेक्टेयर में करीब 5000 फिंगर लिंग साइज का बीज डालना चाहिए," डॉ. सिंह बताते हैं।

इस प्रशिक्षण के दौरान किसानों को मछली पालन की जानकारी के साथ आधुनिक तकनीकी के बारे में भी जानकारी दी गई। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को बताया कि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों द्वारा व्हाट्सएप्प ग्रुप के जरिये भी मछली पालन से जुड़ीं किसानों की हर समस्या का समाधान बताया जाता रहता है।

डॉ. डीपी सिंह बताते हैं, "मछली उत्पादन किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए बढ़िया जरिया है, यदि किसान समेकित मछली पालन करते हैं तब उनकी आमदनी में और इजाफा होगा, और यदि किसान एक हेक्टेयर एरिया के तालाब में मछली पालन करना चाहते हैं तो उन्हें एक साल में कम से कम पांच लाख रुपये की आय प्राप्त होगी।"

"पहले साल खर्च अधिक होता है इसलिए बचत कम होती है, लेकिन दूसरे साल से यह बचत साढ़े तीन लाख और तीसरे साल पांच लाख रुपये तक पहुंच जाती है, यदि किसान समेकित मछली पालन करता है तो साल भर में कम से कम एक लाख का अतिरिक्त मुनाफा मिल जाता है," डॉ. सिंह बताते हैं।


'किसानों में बढ़ रही मछली पालन के लिए जागरुकता'

डॉ. डीपी सिंह बताते हैं, "पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों में मछली पालन को लेकर जागरुकता बढ़ रही है और अब हजारों किसान मछली पालन में रुचि ले रहे हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार ने भी मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजना शुरू की हैं, उसका लाभ भी किसानों को सीधे मिल रहा है, यही कारण है कि मछली पालन करने वाले किसानों की संख्या अब धीरे-धीरे बढ़ रही है।"

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