लखनऊ। लगातार बढ़ रही ठंड को देखते हुए नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में जानवरों के रहने की व्यवस्था से लेकर उनके खाने-पीने की पूरी व्यवस्था की गई है, ताकि जानवर ठंड से बीमार न पड़े।
“जिन जानवरों के बाड़े में हीटर की आवश्यकता है जैसे सांप घर, उल्लू घर, व्हाइट टाइगर, बाघ के बाड़ों में हीटर लगाए गए हैं। हिरण, सांपघर में पुआल और बोरे रखे गए है। इसके साथ ही सभी बाड़ों में लकड़ी के फंट्टे रखे गए है। पशु-पक्षियों की खुराक पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।” ऐसा बताते हैं, लखनऊ जू के पशुचिकित्सक डॉ अशोक कश्यप।
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जानवरों को ठंड के मौसम से बचाने के लिए चिड़ियाघर प्रशासन की तरफ से सभी जरुरी इंतजाम किए गए है। छत से ओस और ठंडी हवाओं को रोकने के लिए बाड़ों में ग्रीन शीट लगाई गई है। इसके साथ ही जानवरों को धूप लगे इसके लिए पेड़ों की छंटाई भी की गई है। डॉ अशोक ने बताया, “सर्दी के मौसम में शाकाहारी-मांसाहारी जानवरों के खाने-पीने पर विशेष ध्यान रखा जाता है। शाकाहारी जानवरों के लिए साग, सब्जी, फल एवं फली की मात्रा बढ़ाई गई है। वहीं मांसाहारी जानवरों के लिए जितना मीट उनको दिया जा रहा था उससे ज्यादा दिया जा रहा है।”
लखनऊ स्थित नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में एक हजार से ज्यादा वन्यजीव हैं।” पक्षियों को सर्दी से बचाने के लिए भी इंतजाम किया गया है। उनके बाड़ों में जो मटके है उनमें बल्ब लगाए गए है, जिससे उनको सर्दी न लगे। समय-समय पर चिड़ियाघर के सभी जानवरों की स्वास्थ्य की जांच भी करवाई जाती है।” डॉ अशोक ने बताया।
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बाड़ों में लगे है 30-40 हीटर
वन्यजीवों को सर्दियों से बचाने के लिए 30-40 हीटर का इंतजाम किया गया है। डॉ अशोक ने बताया, “ रात होने पर बाड़ों में हीटर ऑन कर दिए जाते है। अगर दिन में धूप नहीं होती है तो दिन में भी हीटर ऑन कर दिया जाता है। इसके साथ ही अस्पताल में रह रहे वन्यजीवों के पिंजरों में भी हीटर की व्यवस्था कर दी गई।
समय-समय पर बदला जा रहा पानी
घड़ियाल, कछुआ, मगरमच्छ समेत पानी में रहने वाले वन्यजीवों के लिए अलग व्यवस्था की गई है। उनको कोई बीमारी न हो इसके लिए पानी में दवा डाली गई। इसके साथ ही समय-समय पर पानी भी बदला जा रहा है।