अपराध दर औसत में उत्तर प्रदेश 24वें नंबर पर

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
अपराध दर औसत में उत्तर प्रदेश 24वें नंबर परgaoconnection

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अपराध को लेकर भले ही विपक्षी पार्टी सपा सरकार को कोसे लेकिन हकीकत यह है कि अपराध दर के मामले में उत्तर प्रदेश  24वें नम्बर पर है। राज्यों में सबसे ज्यादा अपराध दर में केरल सबसे आगे है, वहीं विदेशों में स्वीडन आगे है। देश के मामलों में भी देखें तो भारत में अपराध दर काफी कम है। भारत के आंकड़े नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हैं, जबकि विदेश के आंकड़े यूएनओडीसी के हैं।

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक भारत देश में सबसे ज्यादा अपराध दर केरल राज्य का है। केरल में जहां एक लाख लोगों पर औसतन 455.80 लोगों के साथ अपराध हो रहा है, वहीं दूसरे नम्बर पर मध्य प्रदेश में एक लाख लोगों पर औसतन 298.80 लोगों के साथ अपराध हो रहा है।

यूएनओडीसी के आंकड़ों पर गौर करें तो विदेश में सबसे ज्यादा अपराध स्वीडन में हो रहा है। एक लाख लोगों पर 6456 लोगों के साथ अपराध हो रहा है। दूसरे नम्बर पर डेनमार्क में 6041, तीसरे नम्बर पर नीदरलैंड 5523 है। 

उत्तर प्रदेश को छोड़कर सभी राज्यों का अपराध दर वर्ष 2012 का है जबकि उत्तर प्रदेश का अपराध दर वर्ष 2015 का है। एक लाख लोगों पर 116.32 लोगों के साथ अपराध हो रहा है। इसके बाद भी प्रदेश 24 वें नम्बर पर है। 

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर दलजीत चौधरी ने फोन पर बताया कि प्रदेश में क्राइम से ज्यादा अफवाह है। कुछ लोग अफवाह फैलाने के लिये होते हैं। प्रदेश को बदनाम किया जा रहा है। बदनाम होने से प्रदेश में कोई इंवेस्ट करने से डर रहा है। सबसे ज्यादा यूपी पुलिस अपराधियों को सजा दिलाने में कामयाब हुई है। हर अपराध हम दर्ज करने की जहां कोशिश कर रहे है वहीं अपराधियों को जेल की सलाखों के पीछे भी भेज रहे है। 

पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा कि यह आंकड़े एनसीआरबी का है। एनसीआरबी के पास वहीं आंकड़े होते है जो प्रदेश से भेजा जाता है। एनसीआरबी के पास स्वयं का अपना कोई आंकड़ा नहीं होता है। हमारे यहां आंकड़ों के साथ बाजीगरी, हेराफेरी और छेड़छाड़ होती है। आंकड़ों को तोड़-मरोड़ कर पेश करना हमारी कला है।

प्रदेश में अपराध की सच्चाई किसी से छिपी नहीं है। कई मामलों में एफआईआर जहां दर्ज नहीं होती, वहीं अपराधी सरेराह सड़कों पर घूमते हुए नजर आते हैं। प्रदेश की हालत कश्मीर और पंजाब से भी बदतर है। जनता में असुरक्षा की भावना है। यदि प्रदेश पुलिस अच्छी और गम्भीर है तो सहीं आंकड़े भेजे लेकिन ऐसा नहीं होगा। 

 

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.