बारिश से ज़ायद की फसलों को फायदा, आम पर संकट

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बारिश से ज़ायद की फसलों को फायदा, आम पर संकटgaoconnection

लखनऊ। पिछले दो-तीन दिनों में प्रदेश के कई जिलों में तेज आंधी के साथ बारिश भी हुई। बारिश से सूख रही फसलों को तो फायदा हुआ, लेकिन आम की फसल को इससे काफी नुकसान भी हुआ है।

बाराबंकी जिले में ज्यादातर किसान मेंथा की खेती करते हैं। बिजली की कटौती से सिंचाई नहीं हो पा रही थी, ऐसे में बारिश वरदान साबित हुई है। देवां ब्लॉक के हरई गाँव के किसान मनोज वर्मा (40 वर्ष) बताते हैं, “पिछले दिनों पानी की कमी से खेत सूख गए थे, जिसके चलते कल हुई मूसलाधार बारिश से खेतों ने पानी सोख लिया है। ये फसल को नुकसान नहीं करेगी।” उसी गाँव के  राधेश्याम (70वर्ष) कहते हैं, “कहीं कहीं पर ओले पड़ने से फसल को नुकसान पहुंचा है, हमारी तरफ तो मिर्च और मेंथा की खेती को काफी फायदा हुआ है।”

बारिश से मेंथा, मिर्च, उड़द, मूंग, मिर्च जैसी फसलों को तो फायदा हुआ है, लेकिन मक्का, सूरजमुखी और लौकी, खीरा, तोरई जैसी बेलवाली सब्जियों को नुकसान पहुंचा है। बारिश से इन सब्जियों में दाग पड़ जाते हैं, जिससे इन्हें सही दाम नहीं मिलता है। 

प्रतापगढ़ जिले के शिवगढ़ ब्लॉक के भिखनापुर गाँव के किसान उदय बहादुर सिंह ने पांच बीघा में उड़द और मूंग लगाई है। वो बतातेे हैं, “इस बार डीजल इंजन भी बहुत कम पानी दे रहा है, पिछले एक हफ्ते से हो रही बारिश से खेती को काफी फायदा हुआ है।” बारिश से खेतों में नमी भी आ गई है, किसान धान की नर्सरी की तैयारी शुरू कर रहे हैं। उदय बहादुर सिंह आगे बताते हैं, “बारिश हो जाने से धान के खेत तैयार करने में अब परेशानी नहीं होगी, अभी से ही खेत की जुताई करके धान की तैयारी शुरु कर दी जाएगी।”

सरदार पटेल कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर आरएस सेंगर आंधी से हुए नुकसान के बारे में बताते हैं, “पिछले दिनों आई आंधी से मक्का की फसल को इतना असर हुआ था कि वो खेत में लेट गई थी। धूप होने से वो फिर खड़ी हो जाएगी।”

आम की फसल को नुकसान

तेज आंधी की वजह से आम के बाग को काफी नुकसान पहुंचा है। मेरठ जिले में 17000 हेक्टेयर में आम की फसल होती है। मेरठ के जिला उद्यान अधिकारी अरुण कुमार बताते हैं, “आंधी से लगभग 20 प्रतिशत आम की फसल को नुकसान हुआ है, इससे कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि पेड़ पर अधिक आम होने से पेड़ झुक जाते हैं और अच्छी क्वालिटी का आम नहीं हो पाता है।” वो आगे बताते हैं, “इस आंधी से भले आम को नुकसान हुआ है, लेकिन बारिश से आम को फायदा भी हुआ है, अब आम पकने लगेंगे।” 

लखनऊ जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर मलिहाबाद फल-पट्टी के क्षेत्र में आंधी-तूफान में सबसे ज्यादा नुकसान आम का हुआ है। 20 मई से आम टूटना शुरु हो गया था, इसके कारण आम बड़ी मात्रा में टूटा था लेकिन आंधी की चपेट में आने से आम भी मंडी में औने-पौने दामों में बिक रहा है।

एक बीघे आम के बाग में करीब 25 से 30 पेटी आम का नुकसान आंधी के कारण हुआ है वहीं चौसा और अन्य किस्म के आम भी 25 फीसदी आंधी के आने से गिर गए हैं। मलिहाबाद क्षेत्र के आम व्यापारी छोटा कुमार (42 वर्ष) बताते हैं, “मैं आम तोड़कर मंडी में भेजने की तैयारी में था लेकिन आंधी के कारण बाग का दस फीसदी आम जमीन पर गिर गया है। आंधी में आम के गिरने से मंडी के दाम में करीब 50 फीसदी की गिरावट हुई है। एक साथ बड़ी मात्रा में आम मंडी में पहुंचने की वजह से आम सस्ता बिक रहा है।”

 

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