अब सूरत में भी चलेगी बिना ड्राइवर के मेट्रो

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अब सूरत में भी चलेगी बिना ड्राइवर के मेट्रोरेल मेट्रो।

लखनऊ। गुजरात के सूरत शहर के लोगों का मेट्रो के लिए इंतजार जल्द ही खत्म हो जायेगा। यहां मेट्रो रेल प्रोजेक्ट जनवरी 2018 से शुरू होने जा रहा है। मेट्रो लिंक फॉर गांधीनगर एंड अहमदाबाद द्वारा अहमदाबाद, राजकोट और गांधी नगर के साथ-साथ 2018 की शुरुआत से मेट्रो प्रोजेक्ट का काम शुरू होगा। पहले चरण में 21 किलोमीटर लंबे रूट सरथाणा से ड्रीमसिटी के बीच काम शुरू होगा। इस मेट्रो की खासियत है कि ये पूरी तरह से स्वचालित होगी। ये देश की दूसरी स्वचालित मेट्रो परियोजना होगी। इससे पहले देश की राजधानी दिल्ली में स्वचालित मेट्रो चल रही है।

ये है मेट्रो का रूट

वराछा रोड स्थित डीजीवीसीएल के ऊर्जा भवन के नजदीक से मेट्रो का भूमिगत मार्ग का कार्य शुरू होगा जो चौक तक तापी नदी से बाहर एलिविटेड बनेगा। मेट्रो ख्वाजा दानशाह नाल से होते हुए मजूरा गेट पहुंचेगी और मजूरा गेट से भटार एलबी टॉकीज होते हुए अलथाण से खजोद एलिवेटेड मार्ग से होकर पहुंचेगी।

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बोरिंग की टनल तकनीक, शहर चलता रहेगा

सूरत की मेट्रो शहर के कुछ भीड़-भाड़ वाले इलाकों से अंडर ग्राउंड गुजरेगी। इसलिए ड्रिलिंग में कट एंड कवर प्रणाली का इस्तेमाल होगा। जिससे शहर की दिनचर्या पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा। वराछा स्थित डीजीवीसीएल ऊर्जा भवन के नजदीक मनपा की खाली जमीन पर 10 मीटर चौड़ा और करीब 40 फीट गहरा होल बनाया जाएगा। जमीन के करीब 40 फीट अंदर अंडरग्राउंड टनल बनेगी। इसके लिए एनएटीएम ( न्यू ऑस्ट्रियन टनल मेथड) या फिर टीबीएम ( टनल बोरिंग मेथड) से टनल बनाते हुए पिछले हिस्से को तत्काल कंक्रीट या स्टील से जमीन की सतह को मजबूती दी जाएगी। ताकि जमीन के खिसकने का खतरा न हो।

स्वचालित होगी मेट्रो

सूरत की मेट्रो स्वचालित होगी करीब 21 मिनट में सरथाणा से खजोद पहुंचेगी। रेल मेट्रो में कॉन्टीन्युअस ऑटोमेटिक कंट्रोल सिस्टम होगा। यानि सूरत मेट्रो मैनुअल सहित ड्राइवर लेस होगी। कैब सिग्नलिंग के कारण ड्राइवर को बाहरी सिग्नल की जरूरत नहीं होगी। दो ट्रेनों के बीच 2 मिनट की दूरी होगी। ड्राइवर के एक्सीलरेटर से हटते ही मेट्रो ऑटोमेटिक हो जाएगी। साथ ही आपात स्थिति में ऑटोमेटिक ब्रेक लग जायेगी।

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स्टैंडर्ड गेज पर चलेगी मेट्रो

बुलेट ट्रेन की तरह मेट्रो ट्रेन स्टैंडर्ड गेज पर चलेगी। ऐसे ट्रैक पर ईएमयू प्रणाली होती है। 6 महीने तक तीन-तीन कोच वाली 4 रेक चलेगी। यात्रियों की संख्या बढ़ते ही कोच की संख्या भी बढ़ा दी जायेगी। ट्रेन व ट्रैक के बीच रेडियो कम्युनिकेशन प्रणाली से यात्री सुरक्षित रहेंगे।

90 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलेगी मेट्रो

मेट्रो ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 90 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी। यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नोडल एजेंसी मेगा यात्री सुविधाओं का विशेष ध्यान रखते हुए इन अत्याधुनिक प्रणाली का इस्तेमाल करेगी।

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