खेत खरीदने से पहले सिर्फ इस बात की जानकारी रखना ही काफी नहीं है कि ज़मीन उपजाऊ है या नहीं या यहाँ का पानी कैसा है। इसके अलावा इस बात की जानकारी लेना भी ज़रूरी है कि कही उस ज़मीन पर पहले से कोई बैंक लोन तो नहीं है? अगर कोई खेत लोन पर है या बंधक है तो ऐसी स्थिति में उसे बिल्कुल ना खरीदे। अगर आप खरीदते हैं तो फिर उस प्रॉपर्टी का लोन आपको ही चुकाना पड़ सकता है और आप परेशानी में आ सकते हैं।
खेत खरीदने के बाद ये चेक कर लें कि खसरा खतौनी पर आपका नाम चढ़ा भी है या नहीं? सिर्फ किसी एग्रीमेंट पेपर पर अपना नाम देखकर तसल्ली ना करें। ज़मीन का मालिकाना हक उसे खरीदते समय सभी ज़रूरी कागजों पर भी लिखा होना चाहिए। ज़मीन से जुड़े सभी सरकारी दस्तावेजों में आपका नाम नहीं लिखा होगा तो आगे आपको मुश्किल हो सकती है।
अक्सर ऐसा देखने को मिलता है कि आपको खेत बेचने से पहले खेत या ज़मीन का मालिक किसी अनुबंध पत्र या रजिस्ट्रर विक्रय पत्र के माध्यम से उसे किसी और को भी बेचा हुआ है। ऐसी ज़मीन को नहीं खरीदना चाहिए, क्योंकि उस ज़मीन को जिसने पहले खरीदा है उसका उसपर पहला अधिकार होता है।
चेक कर लें ज़मीन से जुड़ा केस तो नहीं है?
किसान भाई बहन इस बात का भी ध्यान रखें कि जिस व्यक्ति से आप खेत या ज़मीन खरीद रहे हैं उसका उसपर कब्ज़ा है या नहीं। अगर उसपर उसका कब्ज़ा नहीं है तो आपको उससे कब्ज़ा लेने में काफी परेशानी हो सकती है। यही नहीं, वापस आपको खरीददार से पैसा लेना भी टेढ़ी खीर साबित हो सकता है।
क़ानूनी पचड़े की ज़मीन या खेत को बेचने की घटनाएँ आम है। ऐसे में खेत खरीदने से पहले ये चेक करलें कि जिस ज़मीन को आप खरीदने जा रहे हैं उसपर पहले से कोई केस तो नहीं चल रहा है या किसी ने उसके मालिक पर खेत को लेकर कोई मुकदमा तो नहीं किया है। संभव है कोर्ट का फैसला उस व्यक्ति के खिलाफ आए जिसने आपको ज़मीन बेची है, तो फिर आपको बेची गई उस ज़मीन या खेत का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। ऐसे मामले में विवादित खेत या ज़मीन को बेचे गए दस्तावेज निरस्त जाएंगे।
खेत खरीदने से पहले इस बात की जानकारी भी ज़रूर कर लें कि कही गलती से तो प्रॉपर्टी बेचने वाले का नाम उसपर नहीं चढ़ा है? कभी कभी गलती से ज़मीन के सही मालिक की जगह किसी दूसरे व्यक्ति का नाम चढ़ जाता है। अगर ऐसा है तो गलती सुधरने पर उसी व्यक्ति की वो ज़मीन हो जाएगी जिसकी वास्तविक रूप में थी। ऐसे में जो खरीद के पेपर आपके नाम बनेंगे वो अमान्य हो जाएंगे। इसमें आपके पैसे और समय दोनों का नुकसान होगा।
अगर कोई व्यक्ति किसी ऐसी ज़मीन को बेच रहा है जिसपर उसका नाम नहीं है उसे भी आपको नहीं खरीदना चाहिए।
ज़मीन के मालिक की मृत्यु होने पर वो प्रॉपर्टी उसके परिवार के बाकी सदस्यों के नाम हो जाती है। अगर उनमें से एक या दो सदस्य बाकी की सहमति के बगैर ज़मीन बेचते हैं तो क़ानूनी तौर पर ये गलत है। परिवार के बाकी सदस्यों की तरफ से इसपर आपत्ति दर्ज करने पर आप मुश्किल में पड़ सकते हैं।
कैसे और कहाँ लें ज़मीन से जुड़ी जानकारी?
आप जिस ज़मीन को खरीदने जा रहे हैं उसका सभी रिकॉर्ड खंगालें। खेती की ज़मीन ले रहे हैं तो इसके डॉक्यूमेंट्स की जानकारी राज्य सरकार के राजस्व विभाग से मिल जाएगी। उदाहरण के लिए अगर ज़मीन यूपी में है तो आप ऑनलाइन http://upbhulekh.gov.in पर भी चेक कर सकते हैं। इसके लिए सिर्फ आप ज़मीन का खसरा नंबर पता करें। इससे आपको ज़मीन से जुड़ी सभी जानकारियाँ मिल जाएँगी।
अगर आप घर बनाने के लिए ज़मीन खरीद रहे हैं तो पहले पता करें कि जहाँ ज़मीन खरीद रहे हैं वहाँ घर बनाने की परमीशन है भी या नहीं। अगर प्रॉपर्टी कमर्शियल या इंडस्ट्रियल है तो वहाँ ज़मीन बिल्कुल नहीं खरीदें क्योंकि वहाँ आप घर नहीं बना सकेंगे।