उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों और पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है, जिसका नाम ‘अमृत धारा योजना’ है। इस योजना के तहत योगी सरकार राज्य के पशुपालकों को 10 लाख रुपये तक का लोन प्रदान करेगी, जिससे वे अधिक गाय पाल सकें और अपनी आय में वृद्धि कर सकें। खास बात यह है कि 3 लाख रुपये तक का लोन लेने के लिए किसी गारंटर की भी आवश्यकता नहीं होगी। यह योजना गाय पालन और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लाई गई है।
अमृत धारा योजना से मिलेगा पशुपालकों को सहारा
उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘अमृत धारा योजना’ के तहत 10 गाय पालने वाले किसानों को 10 बैंकों के माध्यम से 10 लाख रुपये तक का लोन देने की घोषणा की है। इसके तहत, 3 लाख रुपये तक के लोन के लिए किसी गारंटर की जरूरत नहीं होगी, जिससे छोटे और मझोले किसानों को भी लाभ होगा। इस योजना का उद्देश्य न केवल गाय पालन को बढ़ावा देना है, बल्कि राज्य में प्राकृतिक खेती को भी सशक्त बनाना है। सरकार इस पहल के जरिए राज्य की गो आश्रयों को आत्मनिर्भर बनाना चाहती है, और गोबर एवं गोमूत्र का उपयोग आर्थिक रूप से फायदेमंद बनाने की दिशा में काम करेगी।
लोन के साथ तकनीकी प्रशिक्षण भी मिलेगा
अमृत धारा योजना के तहत केवल आर्थिक सहायता ही नहीं, बल्कि पशुपालकों को तकनीकी प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा। यह प्रशिक्षण उन्हें गाय पालन के आधुनिक तरीकों और प्राकृतिक खेती में गोबर व गोमूत्र के उपयोग के बारे में जानकारी देगा। योजना के तहत सरकार पशुपालकों को दो से दस साल तक गाय पालने के लिए आसान शर्तों पर लोन उपलब्ध कराएगी। इससे पशुपालकों की आय में वृद्धि होगी और उन्हें बेहतर तकनीकी ज्ञान भी मिलेगा।

गौ आश्रयों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम
उत्तर प्रदेश सरकार ने गोवंश संरक्षण के लिए कई गोआश्रय खोले हैं, जिनका भरण-पोषण करने के लिए 1001 करोड़ रुपये की राशि अलग से निर्धारित की गई है। इन गौशालाओं में गोबर और गोमूत्र का उपयोग खाद और जैविक कीटनाशक के रूप में किया जाएगा। इस पहल से न केवल पर्यावरण संरक्षण होगा, बल्कि पशुपालक और किसान भी लाभान्वित होंगे।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा
योगी सरकार की इस योजना का एक और प्रमुख उद्देश्य रासायनिक मुक्त खेती को बढ़ावा देना है। प्राकृतिक खेती में गाय के गोबर और मूत्र का उपयोग जैविक खाद और कीटनाशक के रूप में होता है, जो मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करता है और पर्यावरण को संरक्षित रखने में मदद करता है। इससे किसानों को रासायनिक खाद और कीटनाशकों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और वे जैविक खेती से बेहतर उत्पादन कर सकेंगे।
अमृत धारा योजना की विशेषताएं
- 10 लाख रुपये तक का लोन: योजना के तहत दो से दस गाय पालने वाले पशुपालकों को 10 बैंकों के माध्यम से 10 लाख रुपये तक का लोन मिलेगा।
- गारंटर की आवश्यकता नहीं: 3 लाख रुपये तक के लोन के लिए किसी गारंटर की जरूरत नहीं होगी, जिससे छोटे किसान भी आसानी से लोन ले सकेंगे।
- तकनीकी प्रशिक्षण: आर्थिक सहायता के साथ पशुपालकों को आधुनिक तकनीक और प्राकृतिक खेती के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- गोवंश संरक्षण और जैविक खेती: योजना का उद्देश्य छुट्टा गोवंश का संरक्षण करना और राज्य में जैविक खेती को प्रोत्साहित करना है।
मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना का भी ले सकते हैं लाभ
देसी गायों के प्रोत्साहन के लिए यूपी सरकार एक और भी योजना चला रही है।
पशुपालन विभाग लखनऊ मंडल के अपर निदेशक डॉ वीके सिंह गाँव कनेक्शन से इस योजना के बारे में बताते हैं, “वर्तमान में सरकार द्वारा पशुपालकों को बढ़ावा देने के लिए और स्वदेशी पशुओं को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री स्वदेशी पशु प्रोत्साहन योजना चलाई जा रही है। यह योजना प्रदेश के 75 जनपदों में लागू है।”
वो कहते हैं, “इस योजना का मुख्य रूप से उन पशुपालकों को लाभ मिलेगा, जिनके पास स्वदेसी नस्ल की गाय हों। जैसे कि हमारे देश की 50 देसी नस्लें हैं। उत्तर प्रदेश के लिए दुधारू किस्म की गिर, साहीवाल, थारपरकर और रेड सिंधी के साथ ही पूर्वांचल की गंगातीरी नस्ल की गाय का पालन करने वाले किसानों को इसका लाभ मिलेगा।”
कैसे करें इस योजना के लिए आवेदन
डॉ वीके सिंह आगे बताते हैं, “इन देसी नस्लों में पहली या दूसरी ब्यात के समय और ब्यात के 45 दिन अंदर इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।”
इसके लिए पशुपालक को मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी या डेयरी विभाग विकास अधिकारी के यहाँ फॉर्म लेकर भर दें। इसको भरने के बाद फिर से सत्यापन कराया जाएगा। और गाय को देखा जाता है कि क्या वो आठ से बारह लीटर दूध देने की क्षमता रखती है।