अनचाही मार्केटिंग कॉल्स से बचने के लिए अपने फोन में लगाएं डीएनडी

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लखनऊ। अजनबी फोन नंबरों से हर दिन आपको न जाने कितने कॉल आते होंगे, ‘दो मिनट बात करने के लिए, जिनसे आप झुंझलाते भी होंगे। बच निकलने की कोशिश भी करते होंगे, एक बार फ़ोन काटने पर भी दोबारा भी कॉल आती होगी। ढेर सारी छोटी-बड़ी कंपनियां अपने उत्पादों और सेवाओं के बेचने के लिए कॉल कराती हैं।

टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (टीआरएआई) की रिपोर्ट के मुताबिक़ मोबाइल इस्तेमाल करने वाले भारतीयों की संख्या पिछ्ले 10 सालों में 20 लाख से बढ़ कर लगभग 87 करोड़ हो गई है। मोबाइल पर सजे इस नए बाज़ार से फायदा उठाने के लिए कई तरह की कंपनियां काम कर रही हैं। सिर्फ दिल्ली शहर में ही 900 से ऊपर टेलीकॉम कमर्शियल कम्पनियां टीआरएआई में रजिस्टर्ड हैं, और वो अनगिनत कंपनियां जो रजिस्टर्ड नहीं हैं?

कैसे बच सकते हैं मार्केटिंग कॉल से

अपने मोबाइल पर मार्केटिंग कॉल आने से रोकने के लिए सबसे ज़रूरी है कि आप अपना नंबर डीएनडी यानी ”डू नॉट डिस्टर्ब”में रजिस्टर करवाएं, एसएमएस के ज़रिए आप डीएनडी ऑन कर सकते हैं।

1. सारी सुविधाएं बंद करने के लिये मैसेज बॉक्स में ”स्टार्ट 0”लिखें और 1909 पर भेज दें।

2. विकल्पों में अभी सात कैटेगरी हैं: बैंकिंग, इंश्योरेंस, निवेश करने के माध्यम या उपकरण, क्रेडिट कार्ड, रीयल इस्टेट, शिक्षा, नौकरी, स्वास्थ्य, उपभोक्ताओं को लुभाने वाले उपकरण, और भ्रमण (यानी टूरिज़्म पैकेज वाली कम्पनियां) अपनी पसंद के अनुसार इनमें से उन विकल्पों को चुनिए जिनसे जुड़े एसएमएस आप पाना चाहते हैं, बाकियों को खारिज कीजिए।

3. इस रजिस्ट्रेशन के सात दिन बाद तक आपको टीआरएआई की ओर से एक मैसेज मिल जाएगा, इसके बाद भी आपको अगर ऐसे फोन कॉल तंग करते हैं। तो आप बाकायदा शिकायत दर्ज कर सकते हैं। ऐसा करके आप पूरी तरह टेलीमार्केटिंग तो नहीं रोक पाएंगे लेकिन बार-बार कॉल करके परेशान करने वालों के खिलाफ शिकायत ज़रूर कर पाएंगे।

फेसबुक या ऐसी ही कितनी ही अन्य वेबसाइट्स भी ये विवरण मांगते हैं। उदाहरण के तौर पर एक जींस खरीदने पर भी हम अपना नाम। फोन नंबर और ई-मेल आसानी से लिख देते हैं। ऐसा करने से बचकर हम कुछ हद तक इस समस्या से निजात पा सकते हैं।

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