कल्पना कीजिए कि आप खुद अपने हाथ से अपना सिम निकाल कर किसी अजनबी को दे देते हैं। इसके बाद वह अनजान शख्स आपके बैंक अकाउंट से ताबड़तोड़ ऑनलाइन शॉपिंग, नेट बैंकिंग वगैरह करके उसे पल भर में खाली कर देता है क्योंकि अब ऑनलाइन लेनदेन के ओटीपी पासवर्ड वगैरह उसी अजनबी के पास आ रहे हैं…। आप कहेंगे, “मैं क्या पागल हूं जो खुद ऐसा करूंगा।” लेकिन सर जी ऐसा हो रहा है और रोज हो रहा है। इस फर्जीवाड़े को चोरी से सिम स्वैप करनाा या सिम बदलना कहते हैं। पर अगर आप थोड़ी सावधानी बरतें तो इन जालसाजों के फंदे में फंसने से खुद को बचा सकते हैं।
ऐसा नहीं है कि सिर्फ डिजिटल तकनीक की जानकारी न रखने वाले या गांव-देहात के सीधे-सादे लोग ही ऐसे धोखे का शिकार होते हैं। शहरों में रहने वाले और तकनीक के जानकार युवा भी इस फ्रॉड के फंदे में फंस चुके हैं। पर पहले जान लें कि सिम स्वैप होता क्या है।
सिम स्वैप होने का मतलब है कि कोई दूसरा सिम कार्ड आपके फोन नंबर पर दर्ज हो जाए। ऐसा होते ही आपका सिम इनवैलिड या अवैध हो जाएगा, उसमें सिग्नल आने बंद हो जाएंगे। वहीं दूसरी तरफ, अब सारे ओटीपी, मैसेज, कॉल वगैरह उस दूसरे सिम पर आने लगेंगे जिसे आपके नंबर पर रजिस्टर किया गया है। याद कीजिए आपने खुद ऐसा किया होगा जब आपने अपने 2जी सिम को 3जी या 4जी सिम में बदला होगा। अंतर यह है कि तब आपने अपनी मर्जी से अपने टेलिफोन ऑपरेटर कंपनी के साथ बात करके ऐसा किया होगा लेकिन इस फ्रॉड में कोई अजनबी फोन करके आपको ऐसा करने को कहता है।
अब हम आपको बताते हैं कुछ ऐसे संकेत जिन्हें भांपकर आप तुरंत समझ जाएंगे कि आपको मूर्ख बनाया जा रहा है :
1. खुद को टेलिफोन कंपनी का नुमाइंदा बताएंगे : ये फंदेबाज लोग खुद को किसी टेलिफोन कंपनी जैसे एयरटेल, आइडिया या जियो का एग्जीक्यूटिव बताएंगे। इसके बाद ये कहेंगे कि हम आपके फोन पर कॉल ड्रॉप या सिग्नल रिसेप्शन की समस्या के समाधान के लिए कॉल कर रहे हैं। हो सकता है ये आपके इंटरनेट की स्पीड तेज करने या आपके सिम को 4जी सिम में बदलने का लालच भी दें।
2. आपसे आपका 20 अंकों वाला सिम नंबर पूछेंगे : सभी सिम कार्ड के पीछे एक 20 अंकों वाला यूनीक सिम नंबर होता है। धोखा देने वाले किसी न किसी बहाने से आपसे कहेंगे कि आप उन्हें अपना यह यूनीक सिम नंबर दे दें।
3. आपसे फोन पर 1 दबाने को कहा जाएगा: अगर आपने उनके झांसे में आकर अपना 20 अंकों वाला यूनीक सिम नंबर दे दिया तो फोन करने वाला आपसे अपने फोन पर 1 अंक दबाने को कहेगा। असल में यह आपकी सहमति का संकेत है कि आप अपना सिम कार्ड बदलना चाहते हैं। आप जैसे ही ऐसा करेंगे टेलिकॉम कंपनी के पास यह संदेश जाएगा कि आप स्वेच्छा से ऐसा कर रहे हैं। आपके पास आपकी टेलिकॉम कंपनी का एसएमएस भी आएगा। उन्हें क्या पता कि आप किसी और के कहने से ऐसा कर रहे हैं। लेकिन जैसे ही आपने 1 दबाया आपका नंबर हाईजैक हो जाएगा।
4. ऐसा होने के बाद अपना फोन स्विच ऑफ या साइलेंट न करें: आमतौर पर इस पूरी प्रक्रिया में थोड़ा समय लगता है। मतलब आपकी सहमति के कुछ घंटो बाद आपके फोन के सिग्नल वगैरह गायब होंगे। ऐसे में ये धोखा देने वाले चाहेंगे कि आपका ध्यान कुछ देर के लिए अपने फोन से हट जाए। इसलिए वे आपको बार-बार फोन करके तंग करेंगे ताकि आप उसे या तो स्विच ऑफ कर लें या साइलेंट कर लें। अब जब आपके सिग्नल गायब होंगे तब आपको पता ही नहीं चलेगा।
5. अपना आधार नंबर न दें: कभी-कभी ये लोग आपसे आपका आधार नंबर भी पूछ सकते हैं क्योंकि आज अधिकतर अकाउंट या ऑनलाइन सेवाएं आपके आधार नंबर और फोन नंबर ही मांगती हैं। इसलिए भूल कर भी इन्हें अपना आधार नंबर न दें वरना हो सकता है कि ये लोग आपके पैसों के साथ-साथ आपकी पहचान ही चुरा लें और डुप्लीकेट आधार बनाकर उसका इस्तेमाल करें।
6. सिम स्वैप होने से पैसे कैसे चोरी होंगे: असल में ये लोग आपके बैंक डिटेल और पासवर्ड वगैरह पहले ही चुरा चुके होते हैं। सिम स्वैप तो इनके प्लान का दूसरा चरण है। बैंक डिटेल चुराने के लिए भी या तो ये फर्जी कॉल करते हैं या फिर बैंक की नकली वेबसाइट बनाकर आपकी सारी डिटेल चुरा लेते हैं। इसलिए जब भी ऑन लाइन बैंकिंग करें साइट में जरा भी फेरबदल या गड़बड़ लगे तो फौरन सावधान हो जाएं। इसके अलावा अपने पासवर्ड वगैरह भी लगातार बदलते रहें।
7. अपने बैंक खाते पर निगाह रखें: अपने बैंक बैलेंस पर हमेशा निगाह बनाए रखें। अगर आपकी जानकारी के बिना उसमें से पैसे कट रहे हों या संदिग्ध गतिविधि हो तो तुरंत बैंक से संपर्क करें और पैसे का संदिग्ध लेनदेन रुकवाएं।
8. सीनियर सिटिजन विशेष सावधानी बरतें: ऐसे ठग अक्सर सीनियर सिटिजन या बुजुर्गों को अपना निशाना बनाते हैं क्योंकि उन्हें तकनीक की ज्यादा जानकारी नहीं होती। इसलिए अपने बैंक डिटेल या सिम डिटेल भूलकर भी किसी अजनबी के साथ शेयर ना करें।
इस तरह हम जरा सी सावधानी और सजगता का इस्तेमाल करके बड़े नुकसान से बच सकते हैं।