कोविड महामारी के साथ ही ब्लैक फंगस यानी म्यूकोरमाइकोसिस के मामले बढ़ने लगे हैं, इसी के साथ सोशल मीडिया में कई तरह के मैसेज भी शेयर होने लगे हैं, इनमें से एक मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें कहा गया है कि चिकन खाने से भी ब्लैक फंगस हो सकता है।
वायरल हो रही पोस्ट के जरिए कहा जा रहा है कि ब्लैक फंगस, बर्ड फ्लू की तरह ही मुर्गीयों से फैलने वाला संक्रमण है। ऐसे में लोगों से कहा जा रहा है कि वह पोल्ट्री फार्म के पास भी न जाएं और कुछ दिनों तक चिकन भी न खाएं, इससे संक्रमण फैलने का खतरा बहुत ही तेजी के साथ में बढ़ता है। साथ ही इस पोस्ट में यह भी दावा किया जा रहा है कि कुछ राज्यों ने कुछ पोल्ट्री फार्म को चिन्हित करके उनके खिलाफ कार्रवाई की भी है।
विशेषज्ञ ब्लैक फंगस के फैलने का कारण स्टेरॉयड, डायबिटीज और गंदे वातावरण बता हैं। ऐसे में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इन पोस्ट की सच्चाई क्या है?
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की माइक्रोबायोलॉजी विभाग की हेड डॉ अमिता जैन गाँव कनेक्शन से बताती हैं, “चिकन और म्यूकरमाइकोसिस का दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है, यह सिर्फ अफवाह है, इसलिए इस पर बिल्कुल भी न ध्यान दें। कोरोना के शुरूआत में फेक न्यूज शेयर हो रही थी कि चिकन खाने से कोरोना हो सकता है, जबकि उस समय भी ऐसा कुछ नहीं था। इसलिए अच्छे से उबला हुआ चिकन खाएं, इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता ही बढ़ेगी।”
पीआईबी फैक्ट चेक ने भी इस संबंध में एक ट्वीट किया है, जिसमें लिखा है, “सोशल मीडिया पर वायरल हो रही जिस पोस्ट पर यह दावा किया जा रहा है कि चिकन के जरिए ब्लैक फंगस फैल रहा है। पीआईबी फैक्ट चेक में यह दावा गलत साबित हुआ है।”
A post claiming that #BlackFungus can spread through farm chickens is in circulation on social media#PIBFactcheck: This claim is #FAKE
There is NO scientific evidence that the infection can spread from chickens to humans
Know more about Black Fungus: https://t.co/3cpKggwIDP pic.twitter.com/mLPq2gscxp
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) June 1, 2021
प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से मरीजों में म्यूकोरमाइकोसिस का खतरा बढ़ने के संबंध में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ राजीव जयादेव कहते हैं, “कई अध्ययनों ने बताया है कि हमारे शरीर में रहने वाले अच्छे स्वस्थ बैक्टीरिया, प्रवेश करने वाले खराब बैक्टीरिया से शरीर की रक्षा करते हैं। इसलिए, लंबे समय तक और अनावश्यक रूप से एंटीबायोटिक्स के इस्तेमाल से फंगल और बैक्टीरियल संक्रमणों का खतरा बढ़ता है।”
साल 2020 में कोरोना संक्रमण के शुरूआत में मार्च-अप्रैल के महीने में अफवाहें फैल रहीं थीं कि चिकन-अंडा खाने से भी कोरोना हो सकता है, जिसके कारण हजारों मुर्गी पालकों को मुर्गियों को सस्ते बेचना पड़ा था, कहीं कहीं पर तो मुर्गियों को मारना भी पड़ा था।
पशुपालक विभाग इस दावे को खारिज करता रहा है, इसलिए एक बार फिर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं अफवाहों पर बिल्कुल भी न ध्यान दें और चिकन और अंडे का सेवन करें, जिसके प्रतिरोधक क्षमता ही बढ़ेगी।