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जलवायु परिवर्तन से प्रभावित किसानों की मदद के लिए डिजिटल गाइड

इस साल बढ़े तापमान और हीटवेव की वजह से गेहूं, मेंथा और आम जैसी कई फसलों के उत्पादन पर असर पड़ा है। ऐसे में किसानों की मदद और उन्हें सलाह देने के लिए मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया गया है। यह किसानों को समय-समय पर जानकारी उपलब्ध कराएगा, कि कब क्या करें?
#Mobile App

बदलते मौसम के प्रतिकूल प्रभाव ने उन किसानों के लिए मुश्किलें बढ़ा दी जो पूरी तरह से खेती पर निर्भर हैं। किसानों को नुकसान से बचाने और उन्हें कम करने के लिए, महाराष्ट्र की एक गैर-लाभकारी संस्था एक मोबाइल फोन एप्लिकेशन – Farm Precise – लेकर आयी है जोकि किसानों को मौसम आधारित सलाह देता है।

पुणे स्थित वाटरशेड ऑर्गनाइजेशन ट्रस्ट (डब्ल्यूओटीआर) के उप महाप्रबंधक अजय शेलके ने गाँव कनेक्शन को बताया, “इस ऐप का मूल उद्देश्य किसानों को कृषि-मौसम संबंधी जानकारी देना है, जोकि खेती की सामान्य विधियों के साथ मौसम की स्थिति, मौसम के पूर्वानुमान पर विचार करता है।”

गाँव कनेक्शन लगातार ऐसी रिपोर्ट करता रहा है कि कैसे मार्च में तापमान में अचानक वृद्धि और इस साल की शुरुआती गर्मी ने गेहूं, आम, मेंथा, फूल और यहां तक ​​कि सब्जियों जैसी प्रमुख फसलों का उत्पादन कम कर दिया है। पूर्वी हवाओं ने किसानों का खर्च बढ़ा दिया है और बढ़ते कीटों के हमले के बीच फसल के नुकसान का खतरा भी बढ़ गया है।

फार्म प्रीसाइज ऐप से महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना में 50,000 से अधिक किसान जुड़े हैं। फोटो: अरेंजमेंट 

शेल्के ने आगे बताया, “किसान कौन सी फसल उगा रहे हैं, बुवाई की तारीख क्या होनी चाहिए, किसानों की लागत को कैसे कम किया जाए, उत्पादकता कैसे बढ़ाई जाए और मिट्टी के स्वास्थ्य को बेहतर और बनाए रखा जाए, इन सब को देखते हुए हमने यह ऐप विकसित किया है।” पहल के लिए तकनीकी सहायता कैलिफोर्निया स्थित टेक दिग्गज क्वालकॉम इंक द्वारा उनके ‘वायरलेस रीच प्रोग्राम’ के हिस्से के रूप में प्रदान की गई थी।

मोबाइल ऐप किसानों की कैसे मदद करता है?

फार्म प्रिसाइस मोबाइल ऐप किसानों को इन प्रमुख मापदंडों पर उचित निर्णय लेने में मदद करता है:

मौसम: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग और ओपन वेदर सर्विसेज से वास्तविक समय के मौसम और पांच दिनों के पूर्वानुमान के आधार पर कृषि गतिविधियों की योजना बनाने में मदद करता है। पूर्वानुमान किसान के स्थान के आधार पर उपलब्ध होता है और उन्हें आर्द्रता, बारिश, तापमान, हवा की दिशा और गति के बारे में सूचित करता है। हवा और बारिश के हिसाब से कीटनाशकों के छिड़काव का भी सुझाव देता है।

फसल परामर्श: एकीकृत कीट प्रबंधन, पोषक तत्व और सिंचाई सलाह सहित स्थान विशिष्ट और समय पर हस्तक्षेप के बाद इनपुट खर्च को कम करने और बढ़िया उत्पादन पाने में मदद करता है।

उर्वरक कैलकुलेटर: मृदा परीक्षण परिणामों को दर्ज करके फसल के लिए सटीक उर्वरक आवश्यकता की गणना करने में मदद करता है। जानकारी के आभाव में किसान उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग करते हैं, जिनकी फसल के लिए जरूरत नहीं होती है, जिससे किसानों की इनपुट लागत बढ़ जाती है, ऐप से मिलने वाली सलाह उनकी फसल के लिए आवश्यक उर्वरक और कीटनाशक की अनुमानित लागत के साथ-साथ उनकी सही मात्रा के आधार पर विभिन्न संयोजनों का सुझाव देती है।

सामुदायिक मंच: कृषि वैज्ञानियों और विशेषज्ञों से प्रश्न पूछने और समाधान प्राप्त करने में मदद करता है। यदि कोई कीट समस्या है, तो किसान अपनी फसल की तस्वीरें अपलोड कर सकते हैं और कृषि विशेषज्ञ ऐप के माध्यम से उनकी सहायता करते हैं।

फार्म डायरी: खेत में सभी इनपुट और संबंधित खर्च को नोट करने में मदद करता है, और अगले सीजन के लिए सभी खर्च और योजना का विश्लेषण करता है।

शेल्के ने कहा, “किसानों ने अब इन सलाह को अपनाना शुरू कर दिया है। खरीफ सीजन के दौरान, जब किसानों के लिए बारिश महत्वपूर्ण होती है, तो इस ऐप का उपयोग बढ़ जाता है।” एप्लिकेशन आस-पास के बाजारों में कीमतों की जांच करने में भी मदद करता है और किसानों को कम कीमतों पर फसल बेचने से रोकता है।

2019 में लॉन्च किया गया, फार्म प्रीसाइज ऐप से महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना में 50,000 से अधिक किसान जुड़े हैं और यह पांच भाषाओं में उपलब्ध है: अंग्रेजी, हिंदी, तेलुगु, मराठी, ओडिया।

मोबाइल एप्लिकेशन धान, कपास, ज्वार, अरहर, गेहूं, चना, अनार, बैंगन, प्याज, टमाटर, फूलगोभी, गोभी सहित 26 प्रमुख फसलों के लिए सलाह प्रदान करता है।

“इसी तरह के कई ऐप हैं लेकिन वे कृषि खाद्य सेवाएं प्रदान करने और किसानों को उत्पाद बेचने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हमारा ध्यान किसानों को निर्णय समर्थन प्रणाली प्रदान करना है ताकि वे उचित निर्णय ले सकें। साथ ही, दूसरे ऐप किसानों से इस तरह के शुल्क लेते हैं। हमारी सेवाएं मुफ्त है, “शेल्के ने कहा।

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