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हर बुखार नहीं होता डेंगू, प्लेटलेट्स के चक्कर में न पड़ें

ज्यादातर लोगों को डेंगू बुखार की जांच को लेकर काफी भ्रम होता है, उन्हें यह नहीं पता होता है कि डेंगू की जांच के लिए कौन सा होता है टेस्ट
#dengue fever

लखनऊ। “लोगों में डेंगू डर ऐसे समा चुका है कि सामान्य बुखार होने पर भी वो खौफजदा हो रहे हैं। समय पर डॉक्टर के पास पहुंच जाने और सही इलाज होने से यह ठीक हो जाता है। इसलिए इससे डरने की कोई जरूरत नहीं है। इसके लिए सावधान रहने और लक्षण दिखाई देने पर सही समय पर इलाज कराने की जरूरत है।” यह कहना है लखनऊ स्थित राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टर अक्षत श्रीवास्तव का।

कई सरकारी अभियानों के बावजूद देश में डेंगू के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। यूपी, उत्तराखंड, बिहार और तेलंगाना में डेंगू का प्रकोप फैला हुआ है। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी में डेंगू की संभावना वाले मरीज लगातार पहुंच रहे हैं। डेंगू बुखार वायरस से होने वाला बुखार है। डेंगू बुखार एडिज इजिप्ट मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर दिन में अधिक काटते हैं। इन मच्छरों की विशेषता होती है कि ये ज्यादा ऊपर तक नहीं उड़ पाते हैं। ये मच्छर ठंडी और अंधेरी जगहों में रहते हैं। यह साफ पानी में ज्यादा पनपते हैं।


डेंगू बुखार के लक्षण के बारे में डाक्टर अक्षत ने बताया, “डेंगू बुखार संक्रमित मच्छर के काटने से होता है। मच्छर काटने के करीब एक सप्ताह बाद लक्षण दिखने लगता है। डेंगू बुखार में बहुत तेज बुखार आ जाता है, सिर में तेज दर्द होता है, बदन और जोड़ों में अत्याधिक दर्द होना, भूख नहीं लगना, उल्टी आना और बहुत कमजोरी लगने की समस्या होती है। अगर किसी भी व्यक्ति में इस तरह के लक्षण दिखें तो उसे तुरंत किसी डॉक्टर के पास ले जाएं।”

“लगभग हर बुखार में प्लेटलेट्स कम होता है, लेकिन डेंगू बुखार में यह बहत तेजी से गिर जाता है। यदि प्लेटलेट्स की संख्या 10 हजार से कम हो जाती है, तब स्थिति गंभीर हो सकती है। ऐसी स्थिति में प्लेटलेट्स संख्या बढ़ाने की जरूरत पड़ सकती है। लेकिन आज कल लोगों में प्लेटलेट्स को लेकर भ्रांतियां बनी हुई हैं। मरीज के तीमारदार अस्पताल आते ही प्लेटलेट्स चढ़ाने की जिद करने लगते हैं। एक सामान्य व्यक्ति के शरीर में ढ़ाई लाख से तीन लाख प्लेटलेट्स होता है।” उन्होंने आगे बताया।


डेंगू के लक्षण और बचाव के बारे में उन्होंने बताया, ” अचानक से तेज बुखार का आ जाना, शरीर में तेज दर्द होना डेंगू के लक्षण होते हैं। इलाज के दौरान ध्यान रखना चाहिए की मरीज के शरीर का तापमान बढ़ने न पाए। जांच रिपोर्ट में प्लेटलेट्स का कम होना चिंता का विषय नहीं होता है। कई बार डेंगू के मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने की जरुरत नहीं पड़ती है। डेंगू से प्रभावित व्यक्ति को खूब पानी पीते रहना चाहिए, जिससे शरीर में पानी की कमी न होने पाए। इसके साथ-साथ छाछ, नारियल पानी, नीबू पानी भी पी सकते हैं।”

ज्यादातर लोगों को डेंगू बुखार की जांच को लेकर काफी भ्रम होता है। उन्हें यह नहीं पता होता है कि डेंगू की जांच के लिए कौन सा टेस्ट होता है। कई बार मरीज के तीमारदार डर की वजह से उस टेस्ट को भी करवा लेते हैं जसकी जरूरत नहीं होती है। डेंगू की जांच के लिए एंटीजन ब्लड टेस्ट (एनएस1) सबसे विश्वसनीय माना जाता है। बुखार होने के दो दिन के अंदर इस टेस्ट को करा सकते हैं। अगर ये जांच निगेटिव आती है तो एंटीजन एलाइजा जांच करानी चाहिए।  

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